दिनांक : 30 मई 2021, दिन : रविवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि - पंचमी 31 मई रात्रि 02:12 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र - उत्तराषाढा शाम 04:42 तत्पश्चात श्रवण
योग - शुक्ल सुबह 08:31 तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल - शाम 05:36 से शाम 07:16 तक
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
सूर्योदय : प्रातः 05:57 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:14 बजे
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
पंचक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 05 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत-त्योहार
एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
10 जून, बृहस्पतिवार : ज्येष्ठ अमावस्या
किन बातों से होती है लक्ष्मी की हानि
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्राशिनं निष्ठुरवाक्यभाषिणीम् |
सूर्योदये ह्यस्तमयेऽपि शायिनं विमुत्र्चति श्रीरपि चक्रपाणिम् ||
जो मलिन वस्त्र धारण करता है, दाँतों को स्वच्छ नहीं रखता, अधिक भोजन करनेवाला है, कठोर वचन बोलता है, सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय भी सोता है, वह यदि साक्षात् चक्रपाणि विष्णु हों तो उन्हें भी लक्ष्मी छोड़ देती हैं |’ (गरुड़ पुराण : ११४.३५)
अशुद्ध आत्मा से बचने
गाय २४ घंटा सात्विक ओरा फेंकती है | गोझरन व गोबर लेकर कभी स्नान कर लिया करो |गाय झरन जहाँ होता है वहां अशुद्ध आत्मा प्रवेश नहीं होते ।
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