दिनांक : 25 मई 2021, दिन : मंगलवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : वैशाख
पक्ष : शुक्ल
तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र - स्वाती सुबह 07:06 तक तत्पश्चात विशाखा
योग - वरीयान् सुबह 07:13 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल - शाम 03:55 से शाम 05:34 तक
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
सूर्योदय : प्रातः 05:58 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:12 बजे
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
पंचक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 05 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत-त्योहार विवरण
एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
10 जून, बृहस्पतिवार : ज्येष्ठ अमावस्या
पूर्णिमा
26 मई, बुधवार : बुद्ध पूर्णिमा
वैशाख पूर्णिमा
हिन्दू धर्म में वैशाख महिने की पूर्णिमा तिथि भी भगवान विष्णु व शक्ति स्वरूपा देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए बहुत शुभ बताई गई है। माता लक्ष्मी को सुख-समृद्धि, धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी माना गया है।
वैशाख पूर्णिमा यानी 26 मई, बुधवार को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नीचे बताएँ उपाय करना भी शुभ व सुख-ऐश्वर्य देने वाला माना गया है-
सुबह के साथ ही खासकर शाम के वक्त भी स्नान कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा की सामान्य पूजा कर इस मंत्र का जप आर्थिक परेशानियों को दूर करने वाला होगा।
माता लक्ष्मी को लाल चन्दन, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, लाल फूल, मौसमी फल, मिठाई अर्पित करें।
माता को दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। बाद में देवी लक्ष्मी को इस वैदिक मंत्र स्तुति के उपाय का यथाशक्ति जप करें-
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
पूजा और मंत्र जप के बाद घी के दीप से माता लक्ष्मी की आरती करें।
आरती के बाद धन प्राप्ति और सुखी जीवन की कामना करते हुए पूजा-आरती में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
वैशाखी पूनम
वैशाख मास की पूर्णिमा की कितनी महिमा है !! इस पूर्णिमा को जो गंगा में स्नान करता है , भगवत गीता और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करता है उसको जो पुण्य होता है उसका वर्णन इस भूलोक और स्वर्गलोक में कोई नहीं कर सकता उतना पुण्य होता है | ये बात स्कन्द पुराण में लिखी हुई है | अगर कोई विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ न कर सके तो अपने गुरु मंत्र की १० माला कर ले अपने नियम से |
खग्रास एवं खंडग्रास चन्द्रग्रहण (26 मई 2021)
यह चन्द्रग्रहण भारत के पूर्व भाग के कुछ क्षेत्रों में खंडग्रास दिखेगा । जहाँ दिखेगा वहाँ के चन्द्रोदय से ग्रहण-मोक्ष (भारत में शाम 6:23) तक का समय पुण्यकाल है । इसके अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका का अधिकांश भाग, दक्षिण अमेरिका तथा प्रशांत, अटलांटिका एवं हिन्द महासागर में दिखेगा । जहाँ दिखेगा वहाँ नियम पालनीय हैं ।
भारत के पूर्व भाग के कुछ प्रमुख स्थानों के चन्द्रोदय के समय
स्थान चन्द्रोदय-समय
कोलकाता शाम 6:15
गुवाहाटी शाम 6:08
जोरहाट (असम) शाम 5:59
डिब्रुगढ़ शाम 5:58
सिलचर (असम) शाम 6:00
शिलाँग शाम 6:06
डिमापुर (नागालैंड) शाम 5:59
तेजू (अरुणाचल प्रदेश) शाम 5:53
ईटानगर शाम 6:02
अगरतला शाम 6:06
इम्फाल शाम 5:56
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