दिनांक : 08 मई, दिन : शनिवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार : चैत्र)
पक्ष : कृष्ण
तिथि : द्वादशी शाम 05:20 बजे तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र : उत्तर भाद्रपद दोपहर 02:47 बजे तक तत्पश्चात रेवती
योग : विष्कम्भ रात्रि 08:00 बजे तक तत्पश्चात प्रीति
राहुकाल : सुबह 09:20 बजे से सुबह 10:57 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 06:05 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:05 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
पंचक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 05 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
एकादशी
23 मई, रविवार : मोहिनी एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
08 मई, शनिवार : शनि प्रदोष
24 मई, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
11 जून, मंगलवार : वैशाख अमावस्या
10 जून, गुरुवार : ज्येष्ठ अमावस्या
पूर्णिमा
26 मई, बुधवार : बुद्ध पूर्णिमा
पुण्यदायी तिथियां
14 मई : अक्षय तृतिया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल), विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:35 बजे से सूर्यास्त ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)
19 मई : बुधवारी अष्टमी (दोपहर 12:51 बजे से 20 मई सूर्योदय तक)
23 मई : त्रिस्पृशा-मोहिनी एकादशी
24 मई : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी इसी दिन से वैशाखी पूर्णिमा (26 मई) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास-स्नान का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल।
02 जून : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 01:13 बजे तक)
06 जून : अपरा एकादशी (व्रत से बहुत पुण्यप्राप्ति और बड़े-बड़े पातकों का नाश)
13 जून : रविपुष्यामृत योग (रात्रि 07:01 बजे से 14 जून सूर्योदय तक)
15 जून : षडशीति संक्रान्ति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:39 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का 86,000 गुना फल)
व्रत पर्व
विशेष
द्वादशी को पूतिका (पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाना मना होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 09 मई, रविवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए :-
ऐसे करें व्रत व पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें। शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें। उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
ये उपाय करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकौड़ा (मंदार/आक) के फूल जरूर मिलाएं। आकौड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं। ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि
09 मई 2021 रविवार को मासिक शिवरात्रि है। हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर यह 17 मंत्र बोलें। इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।
1. ॐ शिवाय नम:
2. ॐ सर्वात्मने नम:
3. ॐ त्रिनेत्राय नम:
4. ॐ हराय नम:
5. ॐ इन्द्र्मुखाय नम:
6. ॐ श्रीकंठाय नम:
7. ॐ सद्योजाताय नम:
8. ॐ वामदेवाय नम:
9. ॐ अघोरह्र्द्याय नम:
10. ॐ तत्पुरुषाय नम:
11. ॐ ईशानाय नम:
12. ॐ अनंतधर्माय नम:
13. ॐ ज्ञानभूताय नम:
14. ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
15. ॐ प्रधानाय नम:
16. ॐ व्योमात्मने नम:
17. ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:
आर्थिक परेशानी से बचने हेतु
हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि - कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है। उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें।
रात को जब 12 बज जाए तो थोड़ी देर जाग कर जप और हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आर्थिक परेशानी दूर हो जाएगी।
प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना। बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप और प्रार्थना करें। ऐसा करने से व्यक्ति के सिर पर से कर्जा जल्दी उतरता है। आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।
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