दिनांक : 07 मई 2021, दिन : शुक्रवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात : 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र में चैत्र)
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी शाम 03:32 बजे तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र : पूर्व भाद्रपद दोपहर 12:26 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
योग : वैधृति शाम 07:31 बजे तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहुकाल : सुबह 10:58 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
सूर्योदय : सुबह 06:05 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:04 बजे
दिशाशूल : पश्चिम दिशा में
पंचक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 05 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
एकादशी
07 मई, शुक्रवार : वरुथिनी एकादशी
23 मई, रविवार : मोहिनी एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
08 मई, शनिवार : शनि प्रदोष
24 मई, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
11 जून, मंगलवार : वैशाख अमावस्या
10 जून, गुरुवार : ज्येष्ठ अमावस्या
पूर्णिमा
26 मई, बुधवार : बुद्ध पूर्णिमा
पुण्यदायी तिथियां
14 मई : अक्षय तृतिया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल), विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:35 बजे से सूर्यास्त ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)
19 मई : बुधवारी अष्टमी (दोपहर 12:51 बजे से 20 मई सूर्योदय तक)
23 मई : त्रिस्पृशा-मोहिनी एकादशी
24 मई : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी इसी दिन से वैशाखी पूर्णिमा (26 मई) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास-स्नान का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल।
02 जून : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 01:13 बजे तक)
06 जून : अपरा एकादशी (व्रत से बहुत पुण्यप्राप्ति और बड़े-बड़े पातकों का नाश)
13 जून : रविपुष्यामृत योग (रात्रि 07:01 बजे से 14 जून सूर्योदय तक)
15 जून : षडशीति संक्रान्ति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:39 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का 86,000 गुना फल)
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