Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (04 मई, 2021)

0

दिनांक : 04 मई 2021, दिन : मंगलवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात : 2077)

शक संवत : 1943

अयन : उत्तरायण

ऋतु : ग्रीष्म

मास : वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार : चैत्र)

पक्ष : कृष्ण

तिथि : अष्टमी दोपहर 01:10 बजे तक तत्पश्चात नवमी

नक्षत्र : श्रवण सुबह 08:26 बजे तक तत्पश्चात धनिष्ठा

योग : शुक्ल रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात ब्रह्म

राहुकाल : शाम 03:50 बजे से शाम 05:28 बजे तक

सूर्योदय : प्रातः 06:07 बजे

सूर्यास्त : संध्या 19:03 बजे

दिशाशूल : उत्तर दिशा में

पंचक

4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई संध्या 5.30 बजे तक

1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक

28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक

व्रत पर्व विवरण 

एकादशी

07 मई, शुक्रवार : वरुथिनी एकादशी

23 मई, रविवार : मोहिनी एकादशी

06 जून, रविवार : अपरा एकादशी

21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी

प्रदोष

08 मई, शनिवार : शनि प्रदोष

24 मई, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत

07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत

22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष

अमावस्या

11 मई, मंगलवार : वैशाख अमावस्या

10 जून, गुरुवार : ज्येष्ठ अमावस्या

पूर्णिमा

26 मई, बुधवार : बुद्ध पूर्णिमा
 
विशेष

अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करने की बात किताब मे लिखी है। ये वक़्त और श्रद्धा पर निर्भर करता है, इसे जातक जितनी बार कर सके। मेरे विचार से एक बार भी मन से इंसान पढ़ ले तो हनुमान जी मन ईक्षित फल देते हैं।  

108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चमत्कारी है, अगर समस्या बहुत ही विकट हो जाए और हर तरफ से फंस जाएं तो हनुमान चालीसा पाठ प्रतिदिन 108 बार पाठ करें। इसमें इतनी शक्ति है कि एक बार मरते हुए व्यक्ति को भी जीवन दान मिल सकता है‌। चालीसा के इस पाठ से न केवल बिगड़े हुए काम ही संवरते हैं वरन भूत-प्रेत भी दूर भागते हैं।

शनि निवारण का उपाय

गले में लाल धागे में रुद्राक्ष पहनें और भगवान शिव जी को बिल्व पत्र चढ़ाने  से शनि शांत होते हैं।

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top