विक्रम संवत : 2078 (गुजरात : 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - चैत्र)
पक्ष : कृष्ण
तिथि : सप्तमी दोपहर 01:39 बजे तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र : उत्तराषाढा सुबह 08:22 बजे तक तत्पश्चात श्रवण
योग : शुभ रात्रि 09:37 बजे तक तत्पश्चात शुक्ल
राहुकाल : सुबह 07:44 बजे से सुबह 09:21 बजे तक
सूर्योदय : 06:08 बजे
सूर्यास्त : 19:03 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण
07 मई, शुक्रवार : वरुथिनी एकादशी
08 मई, शनि प्रदोष
11 मई, मंगलवार : वैशाख अमावस्या
23 मई, रविवार : मोहिनी एकादशी
24 मई : सोम प्रदोष व्रत
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
07 जून : सोम प्रदोष व्रत
10 जून, गुरुवार : ज्येष्ठ अमावस्या
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
पंचक
4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
विशेष
सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
यह हनुमान जी कृपा पाने का श्रेष्ठ साधन
अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपने भी जीवन में इसके सकारात्मक प्रभाव को महसूस किया होगा। हनुमान जी को संकटमोचक कहा गया है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन के सभी संकट तो मिटते ही हैं, साथ ही अन्य कई लाभ भी होते हैं।
हनुमान जी के प्रिय भोग
हनुमान जी को बूंदी और बूंदी के लड्डू अति प्रिय हैं। ऐसी मान्यता है की बजरंगबली को बूंदी के लड्डू चढ़ाने से समस्त ग्रह बाधाओं का नाश होता है। बजरंगबली को बेसन के लड्डू भी पसंद हैं।
ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली यानी कि हनुमान जी को लाल और पीला रंग बहुत पसंद हैं। ऐसे में उन्हें लाल या पीले रंग के फूल ही अर्पित करना चाहिए। इसके लिए आप गुड़हल, गेंदा, गुलाब या कमल के फूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
if you have any doubt,pl let me know