गर्मियों में ऐसे रहें स्वास्थ
गर्मी के कारण जिनको सिरदर्द व कमजोरी होती है वे लोग सूखा धनियां पानी में भिगा दें और घिसके माथे पर लगाएं। इससे सिरदर्द और कमजोरी दूर होगी।
नाक से खून गिरता हो तो हरे धनिये अथवा ताजी कोमल दूब (दूर्वा) का 2-2 बूँद रस नाक में डालें। इससे नकसीर फूटना बंद हो जाएगी।
सत्तू में शीतल जल, मिश्री और थोडा घी मिलाकर घोल बनाके पिएं। यह बड़ा पुष्टिदायी प्रयोग है, भोजन थोडा कम करें।
भोजन के बीच में 25-35 मिमी लीटर आंवले का रस पिएं। ऐसा 21 दिन करें तो हृदय एवं मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होगी। (शुक्रवार एवं रविवार को आँवले का सेवन वर्जित है।)
20 मिली लीटर आँवला रस, 10 ग्राम शहद एवं 5 ग्राम घी का मिश्रण बनाकर पीने से बल, बुद्धि, ओज एवं आयु बढ़ाने में मदद मिलती है।
मुँह में छाले पड़ गये हों तो त्रिफला चूर्ण को पानी में डाल के कुल्ले करें तथा मिश्री चूसें। इससे छाले शांत हो जाएंगे।
क्या न करें
अति परिश्रम, अति कसरत, अति रात्रि-जागरण, अति भोजन व भारी भोजन नहीं करें। भोजन में लाल मिर्च व गर्म मसालों का प्रयोग अधिक न करें।
गर्मियों में दही भूल के भी नहीं खाना चाहिए, जिससे आगे चल के नस-नाड़ियों में अवरोध से और कई बीमारियाँ होती हैं। दही खाना हो तो सीधा नहीं खाएं, उसे पहले मथ के मक्खन निकाल लें और बचे हुए भाग को लस्सी या छाछ बना के मिश्री मिला या छौंक लगा के सेवन करें। ध्यान रहे, दही खट्टा न हो।
बाजारू शीतल पेय पदार्थों के सेवन से बचें। फ्रिज का पानी न पिएं। धूप में से आकर तुरंत पानी न पिएं।
मोटापे से ऐसे पाएं छुटकारा
मोटापा हो तो गर्म पानी में एक पके बड़े नींबू का रस और शहद मिलाकर भोजन के तुरंत बाद सेवन करें।
छाछ में तुलसी के पत्ते लेने से भी मोटापे में आराम होता है।
फोड़े-फुंसियों से बचाव
फोड़ा-फुंसी है तो पालक+गाजर+ककड़ी तीनों को मिला कर उसका रस ले लें। नारियल का पानी पियें तो फोड़ा फुंसी में आराम होता है।
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