- शिक्षा जगत में शोक की लहर, कुछ दिनों से चल रहे थे बीमार
- कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान थम गईं सांसें
- गंगा तट स्थित भैरव घाट पर दोपहर दो बजे होगा अंतिम संस्कार
प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाने वाले कानपुर ही नहीं देश-प्रदेश की जानी-मानी शख्सियत सोमवार भाेर दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गई। प्रदेश में ज्ञान का उजियारा फैलाने वाले डीएवी शिक्षण संस्थानों के प्रमुख के जाने से शिक्षा जगत में शोक की लहर है। उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था, हालांकि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उसके बावजूद स्वास्थ ठीक न होने की वजह से अस्पताल में ही भर्ती थे।
डाॅ. नागेंद्र स्वरूप की फाइल फाेटो। सौजन्य सोशल मीडिया। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
दयानंद एंग्लोवैदिक शिक्षण संस्थान (डीएवी समूह) के सचिव डाॅ. नागेंद्र स्वरूप का रविवार भोर निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान अंतिम सांस लीं। उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था, हालांकि वह कोरोना वायरस को को मात देने में कामयाब हुए थे। सेहत में सुधार न होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से शिक्षकों एवं शिक्षण संस्थानों में शोक की लहर छा गई है। उनके निधन को शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया जा रहा है।
सभी के बीच अस्टू बाबू के रूप में थे चर्चित
वर्तमान समय में कानपुर का स्वरूप परिवार प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में जाना-माना नाम है। इस परिवार के डाॅ. नागेंद्र स्वरूप की अपनी अलग पहचान थी। हर आम और खास के बीच वह अस्टू बाबू के रूप में चर्चित थे। इनका यह नाम लोगों के बीच अपनेपन और प्यार दर्शाता था।
उनके भाई कई बार रहे एमएलसी, कांग्रेसे से था जुड़ा
डाॅ. नागेंद्र स्वरूप के दो भइयों जागेंद्र स्वरूप और रागेंद्र स्वरूप का पहले ही निधन हो चुका है। उनके भाई जागेंद्र स्वरूप कई बार एमएलसी रहे। उनका कांग्रेस से जुड़ाव होने के साथ समाजसेवी भी थे। भाइयों के निधन के बाद से नागेंद्र स्वरूप ही सचिव बनाए गए। वह दयानंद एंग्लोवैदिक संस्थानों का संचालन कर रहे थे। लखनऊ, कानपुर के अलावा उन्नाव, बछड़ावां रायबरेली व देहरादून में 27 काॅलेज हैं। उनके समूह के कानपुर में डीएवी, दयानंद गल्र्स, डीबीएस व महिला महाविद्यालय समेत कई स्कूल एवं काॅलेज हैं।
प्राइवेट स्कूलों की लंबी चेन
सरकारी, सहायता प्राप्त स्कूल-कॉलेजों के इतर अस्टू बाबू ने प्राइवेट स्कूलों की लंबी चेन खोली। वह डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशनल सेंटर के फाउंडर भी थे। उनके निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई है। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए इष्ट मित्र एवं शुभ चिंतकों का सुबह से ही तांता लगा हुआ है। प्रदेश भर के प्रमुख लोग और दयानंद शिक्षण संस्थान से जुड़े कॉलेजों के प्राचार्य और शिक्षक उनके आवास पर पहुंचने लगे हैं। उनके पुत्र गौरवेंद्र स्वरूप के मुताबिक अंतिम संस्कार कानपुर में गंगा तट स्थित भैरव घाट पर दोपहर दो बजे किया जाएगा।
if you have any doubt,pl let me know