Covid-19 Infection in heart : कानपुर के चीफ कार्डियक सर्जन डॉ. राकेश वर्मा की राय- एकमो व हार्ट-लंग्स ट्रांसप्लांट से गंभीर कोरोना संक्रमित की बचा सकते जान

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प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर 


अगर कोरोना वायरस (Covid 19) का संक्रमण हृदय (Heart) और फेफड़े (Lungs) को बुरी तरह से प्रभावित कर चुका है। ऐसे में एकमात्र और सबसे प्रभावी इलाज एकमो लंग्स व हृदय लंग्स ट्रांसप्लांट से ही गंभीर कोरोना संक्रमितों को बचाया जा सकता है। यह जानकारी आरोग्य दर्पण एवं रघुवंश अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में कोरोना (Covid 19) के स्टेज 2 में कोरोना महामारी व हार्ट अटैक विषय पर ज़ूम एप

पर आयोजित आनलाइन परिचर्चा के मुख्य वक्ता कानपुर के एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी के कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी एवं प्रदेश के चीफ हार्ट सर्जन प्रोफेसर (डॉ.) राकेश वर्मा ने दी।



उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के संक्रमण में कोरोना वायरस में म्यूटेशन (बदलाव) न होने से मरीजों में गंभीरता नहीं हुई थी। इसलिए 40 प्रतिशत मरीजों को हृदय रोगों से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब कोरोना वायरस की दूसरी लहर में वायरस में म्यूटेशन होने से 60 से 70 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव लोगों में स्थिति काफी भयावह हो रही है, इसलिए सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।


डॉ. वर्मा ने बताया कि संक्रमण की वजह से पहले जिन्हें कभी हृदय रोग नहीं था, उन्हें भी हार्ट की समस्या हो रही हैं ऐसे मरीजों को अपना ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है, जिन्हें दिल की बीमारी पहले से है। कोरोना वायरस का बदला रूप का संक्रमण हार्ट में पहुंचकर हार्ट की मसल्स को डैमेज करने लगता है, जिसकी वजह से हार्ट का पंप ठीक से काम नहीं कर पाता है। शरीर के सभी अंगों में पर्याप्त आक्सीजन नहीं पहुंचने से रिकवरी जल्दी नहीं हो पाती है।


तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ने से इलाज में भी दिक्कत हो रही है। पहले की भांति डॉक्टरों की विजिट और जांचे नहीं हो पा रही हैं। इस वजह से गंभीर कोरोना संक्रमित हाई रिस्क में पहुंचने लगते हैं। इसलिए कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज का तीन टाइम सुबह, दोपहर और शाम को ईसीजी अवश्य करना चाहिए यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने हृदय के बचाव के लिए डिस्प्रिन, क्लोपरेडो ग्रिल और एर्टोवास्टैटिन 80 को नियमित रूप से लेने की सलाह भी दी जाती है।


डॉ. राकेश वर्मा ने वैस्क्युलर सिस्टम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हृदय में जो चीज पहुँचती है, वह वहां से पूरे शरीर में फैल जाती है। उसी तरह कोरोना वायरस का संक्रमण शरीर में प्रवेश करने के बाद पूरे शरीर में फैलने की संभावना 100 प्रतिशत बढ़ जाती है।



डॉ. राकेश वर्मा ने कहा कि हार्ट के मरीजों को अपना शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना चाहिए। इसलिए उन्हें अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे कई मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं जो लोग कोरोना से ठीक हो गए, लेकिन उनमें हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक का खतरा देखा जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन आरोग्य दर्पण के सीईओ रामप्रकाश वर्मा ने किया। सभी का आभार रघुवंश अकादमी के डायरेक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह ने व्यक्त किया। इसमें देश के प्रमुख विशेषज्ञ और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

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