Big Sad News : पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह का कोरोना से निधन

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  • गुरुग्राम के अस्पताल में सुबह छह बजे ली अंतिम सांस
  • कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि के बाद हुए थे भर्ती



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली


राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के मुखिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह का गुरुवार सुबह निधन हो गया। कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें गुरुग्राम के अल्ट्रा मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती थे। जहां उन्होंने अंतिम सांस सुबह छह बजे ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। चौधरी अजीत सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती थी। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया है।



पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह और उनकी पौत्री को कोरोना वायरस के लक्षण उभर आए थे। इस पर उन्होंने कोरोना की जांच कराई थी, जिसकी 24 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। उनकी हालात खराब होन पर उन्हें गुरुग्राम के अल्ट्रा मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बेहतर इलाज के बाद भी हालात में सुधार नहीं हो रहा था।


चौधरी अजीत सिंह पिछले पांच दिन से वेंटिलेटर पर थे। गुरुवार सुबह इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजीत सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ में हुआ था। चौधरी अजीत सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी समेत कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।


समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह का निधन अत्यंत दुखद! आपका यूं अचानक चले जाना किसानों के संघर्ष और भारतीय राजनीति में कभी न भरने वाली जगह छोड़ गया है। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना!

दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।


चौधरी अजीत सिंह का जीवन परिचय


पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे चौधरी अजीत सिंह। वह राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत से 7 बार सांसद भी रहे। वह मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यक्राम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। उनके पुत्र चौधरी जयंत चौधरी हैं, जो मथुरा से सांसद रहे हैं


आईआईटी से बीटेक थे अजीत सिंह


चौधरी अजीत ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था। उसके उपरांत इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने मास्टर की डिग्री यानी एमटेक किया। कहा जाता है कि वर्ष 1960 के दशक में आईबीएम में काम करने वाले चौधरी अजीत सिंह पहले भारतीय थे। 

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