Sad News From Kanpur : व्यापारियों के पुरौधा श्याम बिहारी मिश्रा का निधन

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  • भारतीय जनता पार्टी से चार बार सांसद रहे, कोरोना की चपेट में आकर ताेड़ा दम



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


व्यापारियों के पुरौधा एवं भारतीय जनता पार्टी से चार बार सांसद रहे श्याम बिहारी मिश्रा का मंगलवार को निधन हो गया। वह कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए थे। उन्हें दो दिन पहले ही हार्ट अटैक पड़ा था। उन्हें गंभीर स्थिति में शहर के मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार शाम अंतिम सांस ली। वह भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष थे। वह कानपुर गल्ला आढ़तिया संघ के भी अध्यक्ष थे। आज सुबह ही उनके भतीजे हनुमान मिश्रा का लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में निधन हो गया।


व्यापारी नेता के रूप में पूरे देश में अपनी अमितट छाप छोड़ने वाले श्याम बिहारी मिश्रा वर्ष 1991 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी से बिल्हौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। उसके बाद वर्ष 1996, वर्ष 1998 एवं वर्ष 1999 में लगातार वह सांसद रहे। उत्तर प्रदेश में संचालित तमाम व्यापार मंडल उनके व्यापार मंडल से ही टूटकर अलग हुए हैं।



पूर्व सांसद श्याम बिहार मिश्रा कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था। वहां से लौटने के बाद गुरुवार को उनकी कोरोना (Covid-19)की जांच निजी पैथोलॉजी में कराई गई थी। उसके बाद रविवार को उनका चेकअप कराया गया तो पता चला कि दो दिन पहले उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में हुई जांच में भी उनकी रिपोर्ट पाजीटिव आ गई थी।


कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें सोमवार को मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। सोमवार शाम को निजी पैथोलॉजी में कराई गई, जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। मधुराज हॉस्पिटल में मंगलवार शाम को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी जयंती, बेटा किशन स्वरूप मिश्रा, गोपाल मिश्रा, मुकुंद मिश्रा और बेटी नंदिनी मिश्रा हैं।


सुरार के पिपरा गांव के मूल निवासी थे श्याम बिहारी मिश्र


व्यापारी पुरौधा 83 वर्षीय श्याम बिहार मिश्र कानपुर नगर जिले के सुरार के पिपरा गांव के मूल निवासी थे। उनका जन्म पिपरा में 5 मई 1938 को हुआ था। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुऐशन तक शिक्षा ग्रहण की थी। वह गल्ला का व्यापार करने कानपुर आए थे। उसके बाद यहां ही बस गए।



सांसद के रूप में सफर


  • 1991 में लोकसभा का चुनाव जीते।
  • 1991 से 1996 तक खाद्य मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
  • 1993 से 1996 तक खाद्य, आपूर्ति व वितरण कमेटी के चेयरमैन रहे।
  • 1996 में दोबारा लोकसभा का चुनाव जीते।
  • 1996 से 1997 तक खाद्य मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
  • 1997 से 1998 तक खाद्य, आपूर्ति, वितरण कमेटी के सदस्य रहे।
  • 1998 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे।
  • 1998 से 1999 तक आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल 1998 की संयुक्त कमेटी के चेयरमैन रहे।
  • 1999 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने।
  • 1999 से 2000 तक खाद्य, आपूर्ति, वितरण तथा आगणन कमेटी के सदस्य रहे।
  • 2000 से 2001 तक आगणन कमेटी के सदस्य रहे।
  • 2000 से 2004 तक सूचना मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।


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