- स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के मुख्य द्वार से पुलिस ने दबोचा, एक चकमा देकर फरार
- 50 हजार रुपये में बेचते थे इंजेक्शन, गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों ने कइयों का नाम बताया
कोरोना वायरस (कोविड-19) वायरस का संक्रमण कहर बरपा रहा है। गंभीर संक्रमित दम तोड़ रहे हैं। इस आपदा में भी कालाबाजारी करने वाले सक्रिय हो गए हैं। पुलिस ने स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन लोगों को शुक्रवार देर शाम दबोच लिया। वहीं, एक आरोपी चकमा देकर फरार होने में कामयाब हुआ है।
गिरफ्तार युवकों ने बताया कि उनके पास से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन थे, जिसे बेचने के लिए स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल आए थे। पुलिस ने उनके पास से तीन मोबाइल और चार हजार रुपये बरामद किए हैं। पूछताछ में उन्होंने कई और नाम बताए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं।
कोतवाली थाने के एसआइ राकेश राय, गौरव सिंह को सूचना मिली कि कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं। सभी एसआरएन अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप पहुंचे। जहां चारो कालाबाजारी करने वाले मौजूद थे। पुलिस ने घेराबंदी कर जैसे ही उन युवकों के समीप पहुंची, सभी भागने लगे। पुलिस ने तीन को दबोच लिया, जबकि एक पुलिस को चकमा देकर नार्थ मलाका की गलियों से होता हुआ भाग निकला।
एसआइ राकेश राय ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में विनोद कुमार निवासी बेगम सराय मुंडेरा धूमनगंज, राहुल शुक्ला निवासी आमगोदर शंकरगढ़ हालपता इंद्रपुरी कालोनी बैरहना और अनुराग यादव निवासी रामदेवरिया थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ हालपता पटेल नगर सोहबतियाबाग शामिल हैं। वहीं, अजय विश्वकर्मा निवासी 40 नंबर गुमटी पंडिला महादेव थाना थरवई फरार हो गया। रेमडेसिविर
फरार युवक के पास थे दो इंजेक्शन
पूछताछ में तीनों ने बताया कि फरार अजय के पास दो रेमडेसिविर इंजेक्शन थे, जिसे वह 50 हजार रुपये में बेचना चाह रहा था। उसकी खरीददारों से बातचीत हो चुकी थी। वह यहां आने वाला था। उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप चैटिंग के माध्यम से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने वालों से बातचीत करते थे।
सरगना की तलाश में जुटी पुलिस
इन तीनों ने बड़ी संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की है। ये इंजेक्शन कहां से लाते थे, इस बारे में भी पुलिस को जानकारी दी है। पुलिस इस गिरोह के सरगना समेत अन्य की तलाश में जुटी है।
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