दिनांक : 21 अप्रैल, दिन : बुधवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : चैत्र
पक्ष : शुक्ल
तिथि : नवमी रात्रि 12:35 बजे तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र : पुष्य सुबह तक 07:59 बजे तत्पश्चात अश्लेशा
योग : शूल शाम 06:43 बजे तक तत्पश्चात गण्ड
राहुकाल : दोपहर 12:37 बजे से दोपहर 02:13 बजे तक
सूर्योदय : सुबह 06:16 बजे
सूर्यास्त : शाम 18:58 बजे
दिशाशूल : उत्तर दिशा में
पंचक
4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक
1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
23 अप्रैल, शुक्रवार : कामदा एकादशी
24 अप्रैल : शनि प्रदोष
26 अप्रैल, सोमवार : चैत्र पूर्णिमा
07 मई, शुक्रवार : वरुथिनी एकादशी
08 मई, शनिवार : शनि प्रदोष
11 मई, मंगलवार : वैशाख अमावस्या
23 मई, रविवार : मोहिनी एकादशी
24 मई, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
26 मई, बुधवार : बुद्ध पूर्णिमा
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
10 जून, बृहस्पतिवार : ज्येष्ठ अमावस्या
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
22 जून : भौम प्रदोष
व्रत पर्व
श्रीराम नवमी, चैत्र नवरात्र समाप्त, हरिद्वार कुंभ स्नान
विशेष : नवमी को लौकी खाना मना होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ज्योतिष शास्त्र
(21 अप्रैल, बुधवार) श्रीराम नवमी का पर्व है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।
श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें। हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें। इससे धन लाभ हो सकता है।
इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं।इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-शांति रहेगी।
इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी।
इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें। इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है।
किसी भगवात श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं। इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी।
रामनवमी के दिन 1 कटोरी में गंगा जल अथवा पानी लेकर राम रक्षा मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नम:' का 108 बार जाप करके पूरे घर के कोने-कोने में उस जल का छिड़काव करें, तो घर का वास्तुदोष तथा भूत-प्रेत, नजर बाधा, तंत्र बाधा आदि समाप्त हो जाते हैं। यह उपाय आप अपने ऑफिस-दुकान या व्यवसाय स्थल में भी कर सकते हैं।
धर्मराज दशमी
विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी .....जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता।) यानी 22 अप्रैल 2021 गुरुवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दें।
एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले :-
ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफें हैं वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोलें।
ॐ यमाय नम:
ॐ धर्मराजाय नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय नम:
ॐ कालाय नम:
ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है।
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