विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : वसंत
मास : चैत्र
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वितीया दोपहर 12:47 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र : भरणी शाम 05:23 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग : प्रीति विष्कम्भ शाम 04:16 तक तत्पश्चात आयुष्मान्
राहुकाल : दोपहर 12:39 बजे से दोपहर 02:14 बजे तक
सूर्योदय : सुबह 06:21 बजे
सूर्यास्त : शाम 18:56 बजे
(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिलेवार अंतर संभव है)
दिशाशूल : उत्तर दिशा में
व्रत पर्व
हरिद्वार कुंभ स्नान तीसरा शाही (मुख्य) स्नान, संक्रांति (पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 12:40 तक)
विशेष
द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
संक्रांति
14 अप्रैल 2021 बुधवार को संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 02:40 तक) इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है।
चैत्र नवरात्रि
चैत्र मास के नवरात्रि का आरंभ 13 अप्रैल, मंगलवार से हो गया है। मान्यता है कि नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जानिए नवरात्रि में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं।
पंचक
4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक
1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
23 अप्रैल : शुक्रवार रकामदा एकादशी
24 अप्रैल : शनि प्रदोष
26 अप्रैल : सोमवार चैत्र पूर्णिमा
07 मई : शुक्रवार वरुथिनी एकादशी
08 मई : शनि प्रदोष
11 मई : मंगलवार वैशाख अमावस्या
23 मई : रविवार मोहिनी एकादशी
24 मई : सोमवार प्रदोष
06 जून : रविवार अपरा एकादशी
07 जून : सोमवार प्रदोष व्रत
10 जून बृहस्पतिवार, ज्येष्ठ अमावस्या
21 जून : सोमवार निर्जला एकादशी
22 जून : भौम प्रदोष
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