10 अप्रैल 2021, शनिवार
विक्रम संवत :2077, शक संवत : 1942
अयन : उत्तरायण
ऋतु : वसंत
मास : चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)
पक्ष : कृष्ण
तिथि : चतुर्दशी 11 अप्रैल प्रातः 06:03 बजे तक तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र : पूर्व भाद्रपद सुबह 06:46 बजे तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
योग : ब्रह्म दोपहर 01:35 बजे तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल : सुबह 09:32 बजे से सुबह 11:06 बजे तक
सूर्योदय : सुबह 06:25 बजे
सूर्यास्त : संध्या 18:55 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण
मासिक शिवरात्रि
विशेष
चतुर्दशी और अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य पालन करें तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
सोमवती अमावस्या पर विशेष मंत्र
जिनको पैसों की कमजोरी है वह तुलसी माता की 108 प्रदिक्षणा करें। श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... ‘श्री’ माना सम्पदा, ‘हरि’ माना भगवान की दया पाना। तो गरीबी चली जायेगी।
12 अप्रैल 2021 सोमवार को सूर्योदय से सुबह 08:01 बजे तक) सोमवती अमावस्या है।
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
11 अप्रैल, रविवार को प्रातः 06:04 बजे से 12 अप्रैल, सोमवार को सुबह 08:01 बजे तक अमावस्या है।
घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (एक लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे निगेटिव एनर्जी चली जाएगी। अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं।
अमावस्या
अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री
1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
विधि
गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें।
आहुति मंत्र
ॐ कुल देवताभ्यो नमः
ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
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