विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942
अयन : उत्तरायण , वसंत ऋतु
चैत्र मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र में फाल्गुन)
कृष्ण पक्ष, पंचमी सुबह 8:15 तक तत्पश्चात षष्ठी
सूर्य नक्षत्र - रेवती
चन्द्र नक्षत्र - ज्येष्ठा
नक्षत्र - ज्येष्ठा 03 अप्रैल प्रातः 3:44 तक तत्पश्चात मूल
राहुकाल - सुबह 11:09 से दोपहर 12:42 तक
सूर्योदय सुबह 06:32 बजे, सूर्यास्त शाम 18:52 बजे
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
परिहार -आवश्यकता अनुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते हैं।
पंचक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
अप्रैल माह के व्रत
एकादशी
07 अप्रैल: पापमोचिनी एकादशी
23 अप्रैल: कामदा एकादशी
प्रदोष
09 अप्रैल- प्रदोष व्रत
24 अप्रैल- शनि प्रदोष व्रत
व्रत पर्व विवरण- रंग पंचमी, संत एकनाथ जी षष्ठी, षष्ठी क्षय तिथि
विशेष -
-पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।
गर्मी में दस्त-
1 कटोरी नारियल पानी में आधा चम्मच धनिया- जीरा एक चम्मच मिश्ररी व आधा चम्मच जायफल चूर्ण डालकर दिन में तीन बार पीने से गर्मी के दस्त बंद हो जाते हैं।
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