- लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ व गोरखपुर समेत 10 जिलों में लागू
- मुख्यमंत्री ने 2000 से अधिक कोरोना के एक्टिव केस के जिलों में रात्रि 08 से सुबह 07 बजे तक प्रभावी किया नाइट कर्फ्यू
कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित टीम-11 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2000 से अधिक कोरोना के एक्टिव केस वाले जिलों में रात्रि 08 बजे से सुबह 07 बजे तक नाइट कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ व गोरखपुर समेत 10 जिलों में नाइट कर्फ्यू का बढ़ा दिया गया है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए अामजन को मास्क और सैनिटाइजेशन के महत्व को समझाएं। अगर नहीं मानते हैं तो आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ में अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों का आगमन स्वभाविक है। इसलिए यहां अतिरिक्त चिकित्सकीय व्यवस्था करने की आवश्यकता है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूर्णतः डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए। यह कार्य चरणबद्ध ढंग से हो। नॉन कोविड मरीजों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
लखनऊ में टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में क्षमता विस्तार करने की जरूरत है। अगले दो दिनों ने यहां अतिरिक्त बेड्स उपलब्ध करा दिए जाएं।
कोविड संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यालयों में 15 मई तक पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। इस अवधि में कोई परीक्षा भी न आयोजित की जाए। माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 20 मई के बाद आयोजित की जाएं। नई समय-सारिणी के लिए मई के पहले सप्ताह में विचार किया जाएगा।
पंचायत चुनावों में संलग्न कार्मिकों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। मतदान कर्मियों के लिए मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राज्यों से प्रवासी कामगारों की वापसी संभावित है। इसलिए सभी जिलों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप क्वारन्टीन सेंटर संचालित किए जाएं। क्वारन्टीन सेंटरों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और सोने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर सतत नजर रखी जाए। मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जिले के किसी भी अस्पताल में इन आवश्यक चीजों का अभाव न हो।
सभी जिलों में कोरोना मरीजों के लिए बेड तथा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर दिन इस स्थिति की जिले वार समीक्षा की जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक जिले में कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। प्रभारी मंत्री अपने-अपने सम्बंधित जिलों की हर दिन समीक्षा करें।
बेड की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए तेजी से प्रभावी कार्रवाई की जाए। कोविड अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों एवं मेडिकल संसाधन की व्यवस्था प्राथमिकता पर की जाए। टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। प्रदेश स्थित केन्द्रीय संस्थानों की प्रयोगशालाओं में उपलब्ध आरटीपीसीआर क्षमता का उपयोग करते हुए आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। इन संस्थानों की आवश्यकताओं के अनुरूप मैनपावर का भी प्रबन्ध किया जाए। कोविड जांच के लिए ट्रूनेट मशीनों का उपयोग भी किया जाए।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों से नियमित संवाद बनाकर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाए। उनकी सेहत के अनुसार उनका चिकित्सकीय मार्गदर्शन किया जाए। इस कार्य में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 का भी उपयोग किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लखनऊ सहित सभी जिलों में होम आइसोलेशन के कोविड मरीजों को सभी निर्धारित दवाओं के मेडिकल किट की सुचारु आपूर्ति होती रहे।
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