Nepal-India Railway Track : भारत-नेपाल के बीच जल्द दौड़ेगी ट्रेन, पटरी पर आएंगे रिश्ते

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  • नेपाल के भौतिक योजना एवं निर्माण मंत्री बोले- 15 मई से शुरू होगा रेल परिचालन
  • जयनगर-जनकपुर-कुर्था रेलखंड पर परिचालन शुरू करने को नेपाल सरकार गंभीर



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, जयनगर


भारत और नेपाल के रिश्ते फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच जल्द ही रेल परिचालन शुरू करने की तैयारी है। भारत के जयनगर और नेपाल के जनकपुर-कुर्था रेलखंड के बीच जल्द ही ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी। दोनों देशों के नागरिक रेल यात्रा का लुत्फ उठाएंगे। नेपाल के जनकपुर स्थित कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान नेपाल सरकार के भौतिक योजना एवं निर्माण मंत्री बसंत नेमांग ने कहा है कि 15 मई 2021 तक जयनगर-जनकपुर-कुर्था नेपाल रेल परिचालन शुरू करने के लिए नेपाल सरकार गंभीर है। उसकी तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है।


मंत्री ने बताया कि भारत से कोकण रेलवे की टीम जनकपुर पहुंच गई है। उसके द्वारा नेपाल सरकार के कर्मचारियों को रेल परिचपालन से जुड़ा आंतरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो 15 मई तक जयनगर-जनकपुर-कुर्था नेपाल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है।


उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से ट्रेनों के परिचालन में विलंब हुआ है। अगर महामारी का कहर न फैलता तो दोनों देशों के बीच ट्रेन का परिचालन शुरू हो चुका होता। उनका कहना है कि भारत-नेपाल के बीच ट्रेनों का परिचालन नेपाल सरकार की प्राथमिकता है। ओली सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रख रही है। इसलिए नेपाल सरकार कर्मचारियो की प्राथमिता पर तैनाती कर रही है। नेपाल रेलवे में करार के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है।


दोनों देशों के बीच रेल परिचालन शुरू होने से भारत और नेपाल के बीच आर्थिक संबंध भी मजबूत होंगे। इसके अलावा सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों में पूर्व की भांति नजदीकियां बढ़ेंगी। इसलिए एक दशक से दोनों देश की जनता रेल परिचालन शुरू होने की आस लगाए बैठी है।


जयनगर-जनकपुर रेलखंड पर वर्षों से नैरोगेज ट्रेन चलती थी। इसे ब्रॉड ग्रेज यानी बड़ी लाइन में परिवर्तित करने के लिए भारत के तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नेपाल सरकार से वर्ष 2010 में करार किया था। वर्ष 2011 में जयनगर-जनकपुर रेलखंड पर मेगा ब्लॉक लिया गया था। इस रेलखंड पर निर्माण कार्य का जिम्मा भारत सरकार ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को सौंपा था। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 548 करोड़ रुपये थी। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2014 में पूरा करके सौंपना था।


इस रेलखंड के लिए लंबी जद्​दोजह झेलनी पड़ी। नेपाल में कई तरह के आंदोलन एवं भूमि अधिग्रहण में आनी वाली अड़चनों की वजह से नेपाली रेल लाइन के निर्माण में विलंब का सामना करना पड़ गया। दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेन परिचालन ठप होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। नेपाल सरकार के इस फैसले का भारतीय नागरिकों एवं कई संगठनों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि ट्रेन परिचालन शुरू होने से दोनों देश के बीच बेटी-रोटी के संबंध फिर से प्रगाढ़ होंगे। भारत सरकार की पहल पर दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा बहाल होगी।

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