- पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन और 4, 69000 नगद बरामद
- प्रदेश की राजधानी में भी सक्रिय है इंजेक्शन की कालाबारी करने वाले
पुलिस हिरासत में डॉ. सम्राट पांडेय। |
कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर बढ़ने के साथ सिस्टम भी फेल होने लगा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है, जबकि दवाओं के लिए संक्रमित तड़प रहे हैं। वहीं, गंभीर कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन भी ब्लैक में बेचा जा रहे है। इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो डॉक्टर समेत चार को ठाकुरगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में दो डॉक्टर एवं दो दलाल हैं। पुलिस ने उन चारों के पास से 34 इंजेक्शन एवं 469000 नकद रुपये भी बरामद किए हैं। पुलिस उनके जरिए कालाबाजारी करने वाले सरगना तक पहुंचने के लिए पूछताछ में जुटी है।
बांगरमऊ का विपिन। |
डीसीपी देवेश पांडेय के मुताबिक ठाकुरगंज क्षेत्र में गंभीर कोरोना संक्रमितों को लगाए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। इंजेक्शन ब्लैक में बेचने वालों की पुलिस निरंतर निगरानी कर रही थी। गुरुवार देर शाम को पुलिस को सफलता मिली।
सरफराजगंज का तहजीब उल हसन। |
एरा मेडिकल कॉलेज के पास से चार लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध खेप के साथ पुलिस ने दबोच लिया। आरोपियों के पास से पुलिस ने 34 इंजेक्शन बरामद किए हैं। उनके पा से 469000 नकद रुपये भी बरामद किए हैं। एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में से दो डॉक्टर हैं।
पुलिस हिरासत में डॉ. अतहर। |
गोंडा के दुर्जनपुर निवासी डॉ. सम्राट पांडेय और सरफराजगंज ठाकुरगंज का डॉ. अतहर भी शामिल हैं। पुलिस ने इनके दो दलालों को भी दबोचा है। उसमें से एक उन्नाव जिले के बांगरमऊ का विपिन एवं दूसरा सरफराजगंज का तहजीब उल हसन है। पुलिस का कहना है कि राजधानी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाला गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह की तलाश में पुलिस भी जुटी हुई है। उधर, नाका पुलिस ने भी छापेमारी कर आधा दर्जन व्यापारियों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ चल रही है। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने कुछ ठिकानों पर छापेमारी भी की है।
19 से 30 हजार रुपये में बेचते थे इंजेक्शन
ठाकुरगंज के प्रभारी निरीक्षण सुनील दुबे के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई है। उन्होंने बताया है कि 18 सौ रुपये का इंजेक्शन 19 हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक में बेचते थे। इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सदस्य जरूरतमंद की जेब और उसकी जरूरत के हिसाब से दाम तय करते थे।
कानपुर से दलाल करता था सप्लाई
ठाकुरगंज थाना के इंस्पेक्टर सुनील दुबे ने बताया कि यहां सक्रिय गिरोह के सदस्य कानपुर के एक दलाल के संपर्क में थे। वह ही इन्हें इंजेक्शन मुहैया कराता था। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर दलाल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण में गंभीर संक्रमित मरीजों को इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में गिरोह के सदस्य मिलकर इंजेक्शन की कालाबाजारी कई महीनों से कर रहे थे।
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