देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो रही है। बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1.84 लाख नए मामले सामने आए हैं। इसलिए देश में 4 मई से आयोजित होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को रद, स्थगित या ऑनलाइन आयोजित करने की मांग बढ़ने लगी है। पहले परीक्षार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों ने परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की। उसके उपरांत प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, अभिनेता सोनू सूद, महाराष्ट्र बोर्ड, शिव सेना अधिकारी अरविंद सावंत और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी समर्थन में सामने आ गए। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री के साथ बैठक करके अहम फैसला किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए चार मई से प्रस्तावित दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
दसवीं के छात्रों के परिणाम आंतरिक आंकलन के आधार पर जारी किए जाएंगे। यानी दसवीं के छात्र-छात्राएं बिना परीक्षा दिए पास होंगे। वहीं, 12वीं की परीक्षाएं पंद्रह जून के बाद होंगी। इन तारीखों का एलान एक जून को स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही किया जाएगा। 12वीं की परीक्षा तिथियों के एलान और परीक्षाओं के बीच कम से कम पंद्रह दिन का समय दिया जाएगा। सीबीएसई के निर्णय से करीब 21.5 लाख छात्र प्रभावित होंगे। इन दोनों परीक्षाओं में इतने ही छात्रों ने पंजीकरण कराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद फैसला लिया। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, स्कूली शिक्षा सचिव सहित सीबीएसई के आला अधिकारी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि यह बैठक बोर्ड परीक्षाओं को रद करने की उठ रही मांगों के बाद बुलाई गई थी।
दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने शिक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखकर परीक्षाएं टालने की मांग की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी परीक्षाएं रद करने की मांग थी।
शिक्षा मंत्री निशंक ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सीबीएसई की दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं अब नहीं होंगी। सभी छात्रों का परिणाम आंतरिक आकलन के आधार पर जारी होगा। इसके बाद भी यदि कोई छात्र आंतरिक आकलन के आधार पर मिले अंकों से संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे स्थितियां सामान्य होने पर परीक्षा देने का भी मौका दिया जाएगा।
वहीं 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर की गई हैं। एक जून को स्थिति की समीक्षा के बाद इनकी नई तारीखों का एलान किया जाएगा। 12वीं की परीक्षा का जो भी नया कार्यक्रम घोषित होगा, उसके एलान के बाद परीक्षा के लिए कम से कम पंद्रह दिन का समय दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी चिंतित
निशंक ने बताया कि बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी छात्रों की सेहत और सुरक्षा को लेकर एक अभिभावक की तरह चिंतित नजर आए। अधिकारी दसवीं की बोर्ड परीक्षा रद करने के पक्ष में नहीं थे लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश बच्चों की सेहत को लेकर कोई जोखिम नहीं ले सकता। दसवीं के बच्चों की उम्र को देखते हुए परीक्षा रद करना उचित होगा। प्रधानमंत्री की पहल पर दसवीं की परीक्षा रद करने और 12वीं की परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
11 राज्यों में बंद हैं स्कूल
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीबीएसई की चार मई से प्रस्तावित बोर्ड परीक्षाओं को इसलिए भी स्थगित और रद किया गया, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते मौजूदा समय में 11 राज्यों के स्कूल बंद हैं। वैसे भी सीबीएसई एक केंद्रीय बोर्ड है, इसलिए सभी राज्यों में एक साथ परीक्षा जरूरी है। लेकिन कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की जो स्थिति बनी हुई है, उसमें यह संभव नहीं है।
बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं रद
सीबीएसई से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को इसलिए रद नहीं की जा सकती क्योंकि इसके आधार पर ही छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश सहित दूसरे अवसर मिलते है। स्कूली शिक्षा की अंतिम परीक्षा होती है। ऐसे में इन्हें आतंरिक आकलन या फिर किसी दूसरे फार्मूले से पास या फेल नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि बोर्ड परीक्षाएं रद करने का मांग करने वाले लोग दसवीं और बारहवीं को दोनों परीक्षाओं को रद करने का मांग कर रहे थे।
सीआईसीएसई भी परीक्षाओं पर जल्द लेगा फैसला
सीबीएसई के बाद सीआईसीएसई (काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामनेशन्स) ने भी जल्द ही अपनी दसवीं और बारहवीं परीक्षाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सीआईसीएसई के सचिव गैरी अराथून ने बताया कि वे अगले एक-दो दिनों में दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर जरूरी फैसला लेंगे। माना जा रहा है कि सीबीएसई के पैटर्न पर यह बोर्ड भी कोई फैसला लेगा। गौरतलब है कि सीबीएसई के बाद देश में सीआईसीएसई भी एक राष्ट्रीय बोर्ड है। जिससे संबद्ध स्कूल देश भर में है। हालांकि यह एक निजी बोर्ड है। लेकिन उसके लिए शिक्षा मंत्रालय के निर्देश मानना जरूरी है।
पंजाब में परीक्षाएं टलीं
पंजाब व हिमाचल की सरकारों ने भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। पंजाब में परीक्षा की अगली तारीखें तय करने के लिए एक जून को समीक्षा बैठक होगी। छात्रों को परीक्षाओं तिथियां कम से कम 15 दिन पहले सूचित की जाएंगी।
हिमाचल में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं स्थगित
हिमाचल सरकार ने 17 मई तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। परीक्षा की नई तिथि तय करने के लिए एक मई को बैठक होगी। उधर हरियाणा सरकार ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
राजस्थान बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षाएं टलीं
सीबीएसई परीक्षाओं पर फैसला आने के बाद राजस्थान सरकार ने भी बोर्ड परीक्षा टालने का निर्णय लिया है। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के छात्रों को भी राहत दी गई है। राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि कोविड महामारी के मद्देनजर इस साल भी कक्षा 8वीं, 9वीं व 11वीं के छात्रों के लिए परीक्षाएं नहीं होंगी। उन्हें बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। बता दें कि कक्षा 6 व 7वीं के लिए यह घोषणा पहले ही की जा चुकी है। कुछ दिन पहले राजस्थान सरकार ने कहा था कि आरबीएसई क्लास 6 व 7 की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। उससे पहले एक आदेश जारी कर 5वीं तक के परीक्षा रद किए गए थे।
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