- पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व विधायक आदित्य पांडेय और जहानाबाद के पूर्व चेयरमैन अनवारूल हक बसपा से निष्कासित
जिला पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर राजनीतिक दलों की अंतर्कलह सामने आने लगी है। इस तरह के विवाद राजनीतिक पार्टियों की सेहत को भी प्रभावित करने लगे हैं। फतेहपुर जिले की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में जिला पंचायत सदस्य पद की सूची का विवाद इस कदर गहरा गया कि पार्टी के तीन
दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। पार्टी आलाकमान के निर्देश पर पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व विधायक आदित्य पांडेय और जहानाबाद के पूर्व चेयरमैन अनवारूल हक को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से निष्कासित कर दिया गया।
पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल। सौ : सोशल मीडिया। |
बसपा जिलाध्यक्ष सीताराम गौतम ने शनिवार को पार्टी आलाकमान के निर्देश पर पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और जहानाबाद के पूर्व चेयरमैन को पार्टी विरोधी गतिविधियों में निष्कासित कर दिया। तीनों कई बार चेतावनी देने के बाद भी पार्टी के झंडा-बैनर के साथ बागी दावेदारों का चुनाव प्रचार कर रहे थे।
जिला पंचायत सदस्य पद पर बसपा ने अभी तक 46 में से 12 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। पार्टी की सूची जारी होते ही विवाद शुरू हो गया। जिले के जहानाबाद क्षेत्र के कई पदाधिकारियों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया था।
बसपा के मिर्जापुर, प्रयागराज मंंडल के सेक्टर प्रभारी अशोक गौतम ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास तक पहुंची थी। उन्होंने जिलाध्यक्ष से तीनों नेताओं की कार्यशैली की जांच कराई। इसमें पता चला कि तीनों पार्टी सूची से इतर अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार कर पार्टी के झंडे-बैनर का प्रयोग कर रहे हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
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