- 35 घंटे के लॉकडाउन के दौरान भी आरोग्यधाम ने जारी रखी चिकित्सकीय सेवाएं
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान होम्योपैथी दवाइयों का सेवन करने से आॅक्सीजन पर निर्भरता की जरूरत नहीं पड़ती है। बदलते मौसम में कोरोना के साथ-साथ अन्य वायरल जनित बीमारियां भी कहर बरपा रही हैं। इसमें खसरा, फ्लू एवं वायरस बुखार के पीड़ित अधिक हैं। इस समय काेरोना वायरस के प्रकोप से घर-घर संक्रमित मिल रहे हैं। उन्हें बुखार, खांसी-जुकाम एवं सांस लेने में तकलीफ हो रही है। ऐसे में योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लेकर पूरा इलाज कराएं, इसमें होम्योपैथिक दवाएं ही कारगर हैं। यह जानकारी रविवार को ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम के होम्योपैथिक चिकित्सक दंपति ने नि:शुल्क दवा वितरण के दौरान आमजन से कहीं।
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमंत मोहन ने कहा कि मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे वातावरण में वायरस तेजी से पनपते हैं। यही वजहहै कि कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य वायरल जनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। कोरोना संक्रमिताें की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए आरोग्यधाम में 35 घंटे के प्रदेशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी चिकित्सकीय सेवाएं अनवरत जारी रखीं।
डॉ. हेमंत मोहन एवं डॉ. आरती मोहन ने दो गज की दूरी समेत कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज देखे गए। डॉ. हेमंत का कहना है कि वायरस के संक्रमण में तेजी से शरीर में पानी की कमी होती है, जिससे कमजोरी होने लगती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी ना होने दें, नींबू-पानी, जूस और इलेक्ट्रॉल का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
होम्योपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती मोहन ने बताया की कुछ मरीजों में कोरोना की जांच पॉजिटिव आ रही है। वहीं, कुछ कोरोना जैसे लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। ऐसी स्थिति में कोरोना से संबंधित सभी सावधानियों का पालन करना ही समझदारी है। ऐसे में होम्योपैथिक चिकित्सक की देखरेख में उच्च गुणवत्ता वाली होम्योपैथी दवाइयों का सेवन करें। ऐसा करने से संक्रमितों में चमत्कारिक सुधार देखे जा रहे हैं।
इसका करें पालन
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