दिनांक 08 मार्च 2021
दिन - सोमवार
विक्रम संवत - 2077
शक संवत - 1942
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - दशमी शाम 03:44 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - व्यतिपात दोपहर 01:51 तक तत्पश्चात वरीयान्
राहुकाल - सुबह 08:22 से सुबह 09:51 तक
सूर्योदय - 06:54
सूर्यास्त - 18:44
(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मे जिलेवार अंतर संभव है)
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण - विश्व महिला दिवस
एकादशी व्रत के लाभ
08 मार्च 2021 सोमवार को शाम 03:45 से 09 मार्च, मंगलवार को शाम 03:02 तक एकादशी है ।
विशेष - 09 मार्च, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
- एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
- जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
- जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
-एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है। धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है । कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है । परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।
पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है, एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
एकादशी के दिन करने योग्य
एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें
विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला अपने गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
एकादशी के दिन ये सावधानी रहे
महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है। एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है, लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए। एकादशी के जो दिन चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।
विशेष - 11 मार्च 2021 गुरुवार को महाशिवरात्रि है ।
पंचक
- 11 मार्च प्रात: 9.19 बजे से 16 मार्च प्रात: 4.45 बजे तक
-7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
विजया एकादशी- मंगलवार, 09 मार्च 2021
आमलकी एकादशी- गुरुवार, 25 मार्च 2021
10 मार्च: प्रदोष व्रत
26 मार्च: प्रदोष व्रत
फाल्गुन पूर्णिमा:28 मार्च, रविवार
फाल्गुनी अमावस्या- शनिवार, 13 मार्च 2021.
मार्च 2021 में नई दुकान, एवं कार्यालय शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त
-13 मार्च, (शनिवार)16.41 AM से 18.26 PM
-18 मार्च, (गुरुवार)06.58 AM से 09.51 AM
-18 मार्च, (गुरुवार)11.47 AM से 18.39 PM
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