दिनांक 15 मार्च 2021
दिन - सोमवार
विक्रम संवत - 2077
शक संवत - 1942
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - द्वितीया शाम 06:49 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र - रेवती 16 मार्च प्रातः 04:44 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग - शुक्ल सुबह 07:47 तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल - सुबह 08:17 से सुबह 09:47 तक
सूर्योदय - 06:48
सूर्यास्त - 18:46
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण
विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
ह्रदय के लिए हितकर पेय
रात को भिगोये हुए ४ बादाम सुबह छिलका उतारकर १० तुलसी पत्तों और ४ काली मिर्च के साथ अच्छी तरह पीस लें | फिर आधा कप पानी में इनका घोल बना के पीने से विभिन्न प्रकार के ह्रदयरोगों में लाभ होता है | इससे मस्तिष्क को पोषण मिलता है व् रक्त की वृद्धि भी होती हैं |
लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु
तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है |
तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे | फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम - कीर्तन करके हास्य - प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे | यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वास होता है |
पंचक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
आमलकी एकादशी गुरुवार, 25 मार्च 2021
26 मार्च: प्रदोष व्रत
फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च, रविवार
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