विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942
अयन : उत्तरायण , वसंत ऋतु
चैत्र मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र में फाल्गुन)
कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा तिथि रात्रि 08:54 बजे तक तत्पश्चात द्वितीया
हस्त नक्षत्र शाम 03:02 बजे तक तत्पश्चात चित्रा
ध्रुव योग शाम 05:54 बजे तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल सुबह 08:07 बजे से सुबह 09:39 बजे तक
सूर्योदय सुबह 06:31 बजे, सूर्यास्त शाम 18:51 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
पंचक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
अप्रैल माह के व्रत
07 अप्रैल : पापमोचिनी एकादशी
09 अप्रैल- प्रदोष व्रत
23 अप्रैल : कामदा एकादशी
24 अप्रैल- शनि प्रदोष व्रत
पर्व का विवरण
धुलेंडी, धूलिवंदन, वसंतोत्सव प्रारंभ
विशेष
प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
केमिकल के रंग ऐसे छूटाएं
अगर आप पर रासायनिक रंग लगा दिया है तो बेसन, आटा, दूध, हल्दी एवं नारियल तेल के मिश्रण से बना उबटन बनाएं। रंगे अंगों पर लगाकर रंग को धो डालें। यदि उबटन लगाने से पूर्व उस स्थान को नींबू से रगड़कर साफ़ कर लिया जाय तो रंग छूटने में सुगमता होती है |
होली के बाद खजूर नहीं खाना चाहिए, यह पचने में भारी होता है। इन दिनों में सर्दियों का जमा कफ पिघलता है और जठराग्नि कम करता है। इसलिए इन दिनों में हल्का भोजन करें। गुण और चना खाएं, जिससे जमा हुआ कफ निकल जाये।
पलाश/केसुडे/गेंदे के फूलों के रंग से होली खेलने से शरीर की सात धातु संतुलन में रहते हैं, इनसे होली खेलने से चमड़ी पर एक लेयर बन जाती है जो धूप की तीखी किरणों से रक्षा करती है।
होली के बाद खान-पान में सावधानी
होली के बाद नीम की 20 से 25 कोमल पते 2-3 काली मिर्च के साथ खूब चबा-चबाकर खाएं। यह प्रयोग 20-25 दिन करने से वर्ष भर चर्म रोग, रक्त विकार और ज्वर आदि रक्षा होती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा कड़वे नीम के फूलों का रस सप्ताह या 15 दिन तक पीने से भी त्वचा रोग एवं मलेरिया से बचाव होता है। सप्ताह भर या 15 दिन तक बिना नमक का भोजन करने से आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
if you have any doubt,pl let me know