- NIA ने किया दावा, सचिन वाझे को गिरफ्तार कर पूछताछ में उगले राज
25फरवरी की रात को देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी गाड़ी और धमकी भरा पत्र देने की साजिश में एंकाउटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे का भी नाम सामने आ रहा है। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सचिन वाझे से शनिवार को काफी देर तक पूछताछ करने के बाद आरोप तय किए हैं। सचिन को शनिवार की रात को गिरफ्तार कर लिया गया है। एनआईए का कहना है कि मामले में उनकी संलिप्तता सामने आई है।
एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक सचिन वाझे ने 25 फरवरी को एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो लगाने वाले समूह का हिस्सा होने की बात कबूल कर ली है। एनआईए ने यह भी बताया कि वाझे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनपर यह धाराएं 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार को प्लांट करने में शामिल होने के आरोप में लगाए गए हैं।
आपको बता दें कि बिजनेसमैन मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एटीएस और एनआईए ने सचिन वाझे से पूछताछ की है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद सरकार ने विस्फोटक वाली कार के मामले में जांच अधिकारी बनाए गए वाझे का ट्रांसफर कर दिया था। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर रहे वाझे ने ठाणे सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याजिका भी दायर की थी। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है वाझे
49 साल के वाझे महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले हैं और वह 1990 में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुए थे। सबसे पहले उनकी पोस्टिंग नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में हुई थी और फिर ठाणे में तैनाती हुई। मुंबई पुलिस में आने के बाद वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर हुए। वाझे ने अंडरवर्ल्ड के कई गैंगस्टर्स के एनकाउंटर में हिस्सा लिया।
बताया जाता है कि उन्होंने 5 दर्जन से अधिक अपराधियों को मुठभेड़ों में मार गिराया। बताया जाता है कि वाझे साइबर क्राइम की अच्छी जानकारी रखते हैं और उन्होंने कई साइबर क्राइम और आपराधिक केसों को भी सुलझाया था।
25 फरवरी की रात को मिले थे विस्फोटक
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर 'एंटीलिया' के निकट 25 फरवरी को एक 'स्कॉर्पियो' कार के अंदर जिलेटिन की 20 छड़ें रखी हुई मिली थीं। पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को ऐरोली-मुलुंड ब्रिज से चोरी हुई थी। वाहन के मालिक हीरेन मनसुख शुक्रवार को ठाणे में मृत पाये गये। हालांकि, बाद में अनिल देशमुख ने कहा था कि गाड़ी के असल मालिक हिरेन मनसूख नहीं थे।
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