- जिलाधिकारी ने फीता काटकर किया मशीन का उदघाटन
- जनजागरूकता रैली को अपर निदेशक ने दिखाई हरी झंडी
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
टीबी की बीमारी से बचाव के लिए विश्व क्षय रोग दिवस पर जनजागरूकता रैली जिला क्षयरोग नियंत्रण केंद्र निकाली गई। इसके माध्यम से आमजन को टीबी के लक्षण और इलाज के बारे में बताया गया। रैली को अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वहीं, जिलाधिकारी ने जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र में डिजिटल एक्स-रे मशीन का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा, जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. एपी मिश्रा और पाथ संस्था के डॉ. रोहितास तेवतिया मौजूद रहे।
डीएम आलोक तिवारी ने कहा कि टीबी की बीमारी का सीधा प्रभाव छाती पर पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। कोरोना काल में टीबी मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है। मरीज डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करते रहें। कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। कोरोना काल में ऐसी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
कानपुर मंडल के अपर निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्रा ने कहा कि टीबी संक्रामक बीमारी है, जो माइको ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है। कोरोना काल मे टीबी रोगियों पर बढ़ते संक्रमण के खतरे से बचाव के लिए शासन ने डिजिटल एक्स-रे मशीन दी है। इससे टीबी मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा। वहीं, सीएमओ डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि फेफड़ों का टीबी ही संक्रामक होता है। टीबी शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है, लेकिन वह संक्रामक नहीं होता है। टीबी का निदान समय पर समुचित इलाज से संभव है।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. एपी मिश्रा ने बताया कि टीबी की रोकथाम के लिए समय-समय पर लोगों की जांच और इलाज के लिए जागरूक करना है। किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही हो, शाम से बुखार चढ़ता हो, सीने में दर्द, खांसी के साथ खून आना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। यदि इसका समय पर लगातार इलाज न कराया गया तो यह बीमारी शरीर के अन्य अंगों में फैल जाती है।
कार्यक्रम में मरीजों के हित में कार्य करने वाली ट्रीटमेंट सपोर्टर माधुरी गुप्ता को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना सहित सुधीर यादव, महेंद्र व अन्य मौजूद रहे।
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