- गैर सरकारी संस्था के साथ मिलकर सामाजिक कल्याण विभाग और बाल संरक्षण अधिकारी ने पूर्व यौनकर्मियों के साथ मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
किसी को पीड़ा नहीं होनी चाहिए। मेरा सिर्फ एक ध्येय है कि सेक्स व्यापार की क्रूरतम दुनिया में फंसी अपनी बहनों को इस कृत्य से मुक्ति दिलाकर वहां से बाहर लाना है। पूर्व यौनकर्मियों के एक समूह को एकजुट करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। जो उनके जीवन को बदलने के लिए कदम उठाने की हिम्मत रखते थे। यही लोग अब सक्रिय यौनकर्मियों के बीच चेंजमेकर्स बनेंगे। अपनी बहनों को उनके सपनों तक पहुंचने में मदद करने के लिए सिर्फ एक माध्यम मात्र हूं। मैं ऐसा प्लेटफ़ॉर्म तैयार कर रही हूं ताकि वह साहस जुटा उसे छोड़ने के लिए आगे आ सकें। यह बातें श्री साईं सेवा संस्थान की संस्थापक डॉ. स्वाति सिंह खान ने कहीं। वह अंतरराष्ट्रीय महिला पर महाराष्ट्र के थाणे क्षेत्र के भिवंडी में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) श्री साईं सेवा संस्थान के "एक मेरी भी कहानी" कार्यक्रम आयोजित को संबोधित कर रही थीं।
थाणे के भिवंडी नगर निगम के हनुमान टेकड़ी की श्री साईं सेवा संस्थान रेड लाइट एरिया के सेक्स वर्कर के बीच कार्यरत एनजीओ है। संस्था सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों को बेहतर जीवन प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। इस कार्यक्रम में सेक्स व्यापार के लिए मजबूर की गईं 35 पूर्व यौनकर्मी (सेक्स वर्कर) ने अपनी कहानियों को साझा किया।
उन्होंने बताया कि दलालों के चंगुल में फंसकर कैसे इस दलदल में धकेली गईं। कुछ को तो उनके माता-पिता ने ही बेच दिया। अब संस्था की मदद से इस दलदल से बाहर आकर स्वतंत्र जीवन ने जी रहीं हैं।
इस दौरान उन्हें संबोधित करते हुए डॉ. स्वाति ने कहा कि यह शानदार शुरुआत है। इस यात्रा को तब तक जारी रखेंगे जब तक सेक्स व्यापार में फंसी हर महिला तक नहीं पहुंच जाते। उनके लिए वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने के लिए समग्र योजना लाने के लिए समुदाय के सदस्यों और सरकार के साथ जुड़ने की योजना भी बनाई जाएगी। उम्मीद है कि सभी इस प्रयास में हमारा समर्थन करेंगे।
संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भिवंडी नगर निगम के समाज कल्याण विभाग से पुण्यार्थी, बाल संरक्षण कार्यालय से पल्लवी व रोहिणी और समाज के समग्र विकास पर ध्यान देने वाले गैर सरकारी संगठन मातृ सेवा फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल शामिल रहा।
नशे की बढ़ती लत पर चिंतन
मातृ सेवा फाउंडेशन ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संस्था के पदाधिकारियों के साथ यौनकर्मियों के बीच मादक पदार्थों की बढ़ती लत पर चिंतन किया गया। इसे नियंत्रित करने और जागरूक करने के लिए चर्चा की गई। नशे के खतरे से आगाह करने पर भी योजना बनाई गई।
कोरोना काल से ठप है काम, आर्थिक संकट
इन क्षेत्रों में महामारी के कहर के बाद से यौन श्रमिकों का काम-धंधा ठप पड़ा है। संक्रमण के खतरे से काम कर भी नहीं सकते थे। ऐसे में श्री साईं सेवा संस्थान ने इनकी मदद करने के लिए आगे आईं है। जो सेक्स व्यापार छोड़ना चाह रहीं हैं, उन्हें वैकल्पिक आजीविका मुहैया करा रही है।
87 फीसद से यौनकर्मी चाह रहीं बाहर निकलना
संस्था ने भिवंडी में 30 फीसद यौनकर्मियों के बीच एक सर्वे किया है। उसमें सामने आया है कि 87 फीसद से अधिक यौनकर्मी इससे बाहर निकलना चाहते हैं। इसमें 35 महिलाओं ने खुलकर अपनी बात भी रखी। कैसे वह हमेशा सेक्स व्यापार छोड़ने का अवसर चाहती थीं। श्री साईं सेवा संस्थान की संस्थापक डॉ. स्वाति सिंह (खान) ने उन्हें कैसे यह मौका प्रदान किया।
मुझे कर्नाटक से बहुत कम उम्र में लाया गया
रानी (बदला हुआ नाम), एक पूर्व यौनकर्मी, जो अब सिलाई और कढ़ाई में है, ने कहा कहा कि मुझे कर्नाटक से बहुत कम उम्र में तस्करी कर लाया गया। यहां हनुमान टेकड़ी में रेड-लाइट क्षेत्र में बेच दिया गया। मैंने कई बार भागने की कोशिश की लेकिन हर बार मुझे वापस लाया गया। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण मैं स्वाति मैडम से मिलने तक यहीं रही। तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। जिस तरह से मुझे स्वाति मैडम ने यह अवसर दिया। मैं अपनी आवाज़ और इस मंच का उपयोग करना चाहूंगी ताकि मेरी अन्य बहनें सेक्स ट्रेड में फंसने से बच सकें।
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