- स्कूलों में सजावट और गुब्बारे देकर हुआ स्वागत
- सूने पडे स्कूलों में बच्चों के आने से हुई चहल पहल
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
बीते साल इसी समय आई कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया का हावभाव ही बदल दिया। न कोई खुलकर घूम सका और न ही खुलकर जी सका। सबसे ज्यादा परेशानी तो बच्चों को हुई। आजादी पसंद बच्चों के लिए यह कोरोना लाॅकडाउन के रूप में कैद लेकर आया।
लगभग एक साल बाद जब सोमवार से प्राइमरी स्कूल खुले तो स्कूलों में चहल पहल लौट आई। घरों में सालभर से कैद छोटे बच्चे स्कूलों के लिए चल पडे। प्रदेशभर के स्कूलों में सोमवार को शिक्षकों ने बच्चों को वेलकम भी किया।
2020 के दूसरे सप्ताह से परिषदीय स्कूलों का संचालन बंद कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने 10 फरवरी 2021 से परिषदीय स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं का संचालन शुरू किया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के तहत एक मार्च से परिषदीय स्कूलों में कक्षा 1 से 5 की कक्षाओं में पठन-पाठन शुरू किया जाएगा। विभाग ने एक साल बाद सोमवार को स्कूल पहुंचने पर बच्चों का भव्य स्वागत करने और विद्यालय में उत्सव का वातावरण सृजित करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार और रविवार को शिक्षकों ने गांव-गांव में मुनादी कर बच्चों और अभिभावकों को स्कूल खुलने की सूचना दी। वहीं सोशल मीडिया के जरिये भी अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया गया।
विद्यालयों को गुब्बारों, झंड़ियों, रंगोली से सजाया गया है। सोमवार को स्कूल पहुंचने पर टीका लगाकर बच्चों का स्वागत किया गया। बच्चों की विद्यालय में रुचि पैदा करने के लिए खेल के आयोजन किए गये। बच्चों को मिड डे मील में उनकी पसंद का भोजन और नाश्ता दिया गया।
बच्चों से मिट्टी के खिलौने बनाने, उनकी पेंटिंग करना, पेपर क्राफ्ट की मदद की आकृतियां बनाना सिखाया जाएगा शिक्षकों को विद्यालय में बच्चों को साथ दोस्ताना व्यवहार करने के निर्देश दिए गये हैं।
शरद त्रिपाठी
9451523499
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