BIG Breaking:एनडीए के पूर्व वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने थामा टीएमसी का दामन

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  • मोदी सरकार के आलोचकों में से एक रहे हैं यशवंत सिन्हा
  • यशवंत के बेटे जयंत सिन्हा भाजपा से हैं सांसद



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर

एनडीए सरकार में वित्त एवं विदेश मंत्री रह चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस का झंडा थाम लिया। कोलकाता में सिन्हा ने टीएमसी के दफ्तर में पार्टी ज्वाइन कर ली। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही उनकी सरकार के आलोचकों में शामिल रहे।

टीएमसी में जाने के बाद यशवंत सिन्हा बोले अब बीजेपी अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी वाली नहीं रही। उन्होंने कहा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जा सकती है। सिन्हा बोले मोदी और अमित शाह मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने ममता बनर्जी पर हमले की कड़े शब्दों में भर्त्सना की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले यह फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि कुछ और नाम भी हैं जो टीएमसी की राह पकड़ सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि वह टीएमसी से जुड़ने के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार कर सकते हैं।

आर्थिक मामलों को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोदी सरकार की कई बार आलोचना कर चुके हैं। यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा वर्ष 2014 से 2019 के दौरान वित्त राज्यमंत्री थे, लेकिन इस दौरान भी यशवंत सिन्हा बीजेपी के खिलाफ आलोचनात्मक बयान देते रहे। 

उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है टीएमसी

पश्चिम बंगाल में टीएमसी के 291 उम्मीदवारों की लिस्ट ममता बनर्जी पहले ही जारी कर चुकी हैं। खुद सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।

उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर टीएमसी के कैंडिडेट्स नहीं 

पिछले महीने उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर टीएमसी अपने कैंडिडेट्स नहीं उतारेगी। टीएमसी की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची में 50 महिलाएं और 42 मुस्लिम उम्मीदवार हैं। इसके अलावा दलित समुदाय के 79 कैंडिडेट्स को मौका दिया गया है।

आठ चरणों में होना है मतदान

294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान कराया जाना है। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। इसके बाद 1 अप्रैल को दूसरे राउंड की वोटिंग होनी है। 6 अप्रैल को तीसरे राउंड की वोटिंग होगी। चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को होनी है। 17 अप्रैल को 5वें चरण की वोटिंग होगी। इसके बाद 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में छठे राउंड की वोटिंग होगी। सातवें राउंड का मतदान 26 अप्रैल को कराया जाएगा और फिर दो मई को वोटों की गिनती होगी।

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