Epfo : 4 मार्च के बाद 6.5 करोड़ कर्मचारियों की बढ़ सकती है पेंशन

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शरद त्रिपाठी, कानपुर


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के लगभग 6.5 करोड़ सदस्यों के लिए बड़ी खबर है। 4 मार्च को होने वाली सेंट्रल बोर्ड की बैठक में कुछ अहम फैसले भी लिए जाने हैं। इनमें एक फैसले का असर सीधे तौर पर आपके प्रोविडेंट फंड खाते पर भी पडे़गा। यह फैसला आपकी पेंशन फंड को भी बढ़ाने में मदद करेगा।


सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को पीएफ कटौती के दायरे में लाने की योजना बना रही है। 4 मार्च को होने वाली बैठक में इस पर मुहर लग सकती है। ब्लू प्रिंट पर ईपीएफओ की बाॅडी सेंट्रल बोर्ड ट्रस्टीज इसके लिए पहले फैसला लेंगे। उसके बाद श्रम मंत्रालय अपना ड्राफ्ट तैयार करके वित्त मंत्रालय को भेजेगी। यदि सीलिंग पर फैसला होगा तो सीधे तौर पर मूल वेतन यानि बेसिक सेलरी की सीलिंग बढ़ जाएगी।


आएं समझें बेसिक सेलरी की सीलिंग


अगले माह श्रीनगर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक होगी। पीएफ याेगदान के लिए वर्तमान में जो मूल वेतन की सीलिंग है उसे बढाया जा सकता है। अभी सीलिंग 15000 रुपये है। आसानी से समझें तो यदि किसी की बेसिक सेलरी 30 हजार रुपये है तो उस वेतन का 12 प्रतिशत योगदान पीएफ में जमा होता है। इतना ही हिस्सा एम्पलायर के खाते से भी जमा होता है। मगर एम्पलायर के शेयर में दो हिस्से होते हैं। पहला- EPF और दूसरा- पेंशन (EPS) एम्प्लॉयर के शेयर का 12 फीसदी हिस्सा भी 30000 रुपए की बेसिक सैलरी पर ही जमा होगा। लेकिन, पेंशन फंड में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15000 रुपए है।


इस सीलिंग की वजह से बेसिक सैलरी (15000) का 8.33 फीसदी हिस्सा सिर्फ 1250 रुपए ही जमा होता है। अगर सीलिंग बढ़ती है तो ये हिस्सा 25000 रुपए की सीमा पर तय होगा। मतलब 2083 रुपए पेंशन फंड में जमा हो सकेंगे।


30000 के वेतन के मौजूदा स्ट्रक्चर को समझें


बेसिक सैलरी- 30000 रुपए

कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन- 12 फीसदी के हिसाब से 3600 रुपए

एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन-12 फीसदी का 3.67 फीसदी के हिसाब से 2350 रुपए

पेंशन में कंट्रीब्यूशन- 8.33 फीसदी के हिसाब से 1250 रुपए


सीलिंग बढ़ाने पर हो सकता है फैसला


EPFO के एक ट्रस्‍टी केई रघुनाथन के मुताबिक, मौजूदा वक्त में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15 हजार रुपए है, जिसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए तक करने का प्रस्ताव है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की मीटिंग में रखे जाने वाले इस संभावित प्रस्ताव पर चर्चा, एजेंडा में शामिल है। हालांकि, अभी मीटिंग का एजेंडा पब्लिक नहीं किया गया है। पेंशन फंड बढ़ने के अलावा दूसरा फायदा यह भी है कि बेसिक सैलरी सीलिंग के ऊपर जिन लोगों की सैलरी है, उनके लिए PF का कॉन्ट्रिब्यूशन वैकल्पिक होता है। ऐसे में अब इस दायरे में ज्यादा लोग आ पाएंगे।


6.5 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर एके शुक्ला के मुताबिक, अगर यह फैसला होता है तो इसका फायदा 6.5 करोड़ EPFO सब्सक्राइबर्स को मिलेगा। पहला ये कि ज्यादा लोग इसके दायरे में आएंगे और दूसरा एम्प्लॉयर का शेयर बढ़ेगा तो पेंशन फंड में भी इजाफा होगा। हालांकि, अभी इस फैसले को अमल में लाने के लिए समय लग सकता है।


यूनिवर्सल मिनिमम वेज का फॉर्मूला


सूत्रों की मानें तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य पीएफ की सैलरी सीलिंग को बढ़ाने के पक्ष में हैं. इसके पीछे दो तरह की दलील दी जा रही है। पहला- देश भर में जो यूनिवर्सल मिनिमम वेज (Universal Minimum Wage) का फॉर्मूला लागू किया जा रहा है, उसमें सैलरी 18 हजार रुपए के करीब निर्धारित की जा सकती है। ऐसे में जो मौजूदा सैलरी सीलिंग है, उसमें बढ़ोतरी करने की जरूरत है। इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को EPFO में लाने में मदद मिलेगी और सोशल सिक्योरिटी बढ़ेगी।


ब्याज पर फैसले से पहले रिटर्न की होगी समीक्षा


कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह चर्चा है, मीटिंग में पहले इसकी समीक्षा होनी है कि EPFO ने जो अलग-अलग सोर्स में निवेश किया है, उस पर कितना रिटर्न मिल रहा है और कोविड का कितना असर रहा है। इसलिए 4 मार्च की मीटिंग में ब्याज दरों पर फैसला होना संभव नहीं है।


समीक्षा के बाद ही तय हो सकेगा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए कितना ब्याज दिया जाना चाहिए. साथ ही EPFO के पास कितना सरप्लस अमाउंट है और उस पर किस तरह का असर हुआ है इस पर भी चर्चा की जा सकती है।

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