विक्रम संवत - 2077, शक संवत 1942
उत्तरायण अयन, वसंत ऋतु
माघ मास, शुक्ल पक्ष
पूर्णिमा तिथि दोपहर 01:46 बजे तक तत्पश्चात प्रतिपदा
मघा नक्षत्र सुबह 11:18 बजे तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
सुकर्मा योग रात्रि 07:38 बजे तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - सुबह 09:56 बजे से सुबह 11:24 बजे तक
सूर्योदय - 07:01 बजे, सूर्यास्त - 18:41 बजे
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत त्योहार विवरण
- माघी पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त, हरिद्वार कुंभ स्नान
विशेष
- पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
ब्रह्म पुराण' के 118वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')
- शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')
- हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
सुख-शांति व बरकत के उपाय
तुलसी के पौधे पर रोज जल चढायें तथा गाय के घी का दीपक जलायें।
सुबह बिल्वपत्र पर सफेद चंदन का तिलक लगाकर संकल्प करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें तथा पूरी श्रद्धा से प्रार्थना करें।
पंचक
11 मार्च प्रात: 9.19 बजे से 16 मार्च प्रात: 4.45 बजे तक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
एकादशी एवं प्रदोष व्रत
मंगलवार, 09 मार्च : विजया एकादशी
गुरुवार, 25 मार्च : आमलकी एकादशी
बुधवार, 10 मार्च : प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 26 मार्च : प्रदोष व्रत
शनिवार, 27 फरवरी : माघ पूर्णिमा
रविवार, 28 मार्च : फाल्गुन पूर्णिमा
शनिवार, 13 मार्च : फाल्गुनी अमावस्या
if you have any doubt,pl let me know