विक्रम संवत - 2077, शक संवत - 1942
सूर्योदय - 07:05 बजे, सूर्यास्त - 18:38 बजे
उत्तरायण अयन, वसंत ऋतु
माघ मास, शुक्ल पक्ष
दशमी तिथि शाम 05:16 बजे तक तत्पश्चात एकादशी
मॄगशिरा नक्षत्र सुबह 10:58 बजे तक तत्पश्चात आर्द्रा
प्रीति योग 23 फरवरी प्रातः 05:24 बजे तक तत्पश्चात आयुष्मान्
राहुकाल - सुबह 08:31 बजे से सुबह 09:58 बजे तक
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत त्योहार विवरण
22 फरवरी 2021 सोमवार को शाम 05:17 से 23 फरवरी, मंगलवार को शाम 06:05 तक एकादशी है।
एकादशी व्रत का लाभ
23 फरवरी, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें। एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है। जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है। धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है। कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है। परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।
एकादशी के दिन करने योग्य
एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें। अगर घर में झगडे़ होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे।
एकादशी के दिन ये सावधानी रहे
महीने में 15-15 दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।
पंचक
11 मार्च प्रात: 9.19 बजे से 16 मार्च प्रात: 4.45 बजे तक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
व्रत त्योहार
23 फरवरी : जया एकादशी
24 फरवरी : प्रदोष व्रत
27 फरवरी : माघ पूर्णिमा
09 मार्च : विजया एकादशी
10 मार्च : प्रदोष व्रत
13 मार्च : फाल्गुनी अमावस्या
25 मार्च : आमलकी एकादशी
26 मार्च : प्रदोष व्रत
28 मार्च : फाल्गुन पूर्णिमा
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