Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार

0

दिनांक 14 फरवरी 2021, दिन रविवार


विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942


उत्तरायण अयन, शिशिर ऋतु


माघ मास, शुक्ल पक्ष


तृतीया तिथि 15 फरवरी रात्रि 01:58 बजे तक तत्पश्चात चतुर्थी


पूर्व भाद्रपद नक्षत्र शाम 04:33 बजे तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद


सिद्ध योग 15 फरवरी रात्रि 01:13 बजे तक तत्पश्चात साध्य


राहुकाल शाम 05:10 बजे से शाम 06:36 बजे तक


सूर्योदय 07:10 बजे, सूर्यास्त 18:35 बजे

(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिले वार अंतर संभव है)


दिशाशूल - पश्चिम दिशा में


व्रत पर्व विवरण : मातृ-पितृ पूजन दिवस


विशेष : तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


रविवार के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90) रविवार के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए, एेसा करने से ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।


कार्य में विजयप्राप्ति के लिए


कार्य में विजयप्राप्ति के लिए नियमितरूप से संध्या के समय पीपल के नीचे मिट्टी का घी से भरा दीपक लगानें तथा कुछ देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम का जप करके थोड़ी देर शांत बैठने से अभीष्ट सिद्धि होते हैं। (दीपक छह घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर उपयोग करें ताकि घी न सोखें।)


मातृ–पितृ पूजन दिवस’ ज्योतिष की दृष्टि से


14 फरवरी के दिन अधिकता सूर्य भगवान कुम्भ राशि पर होते हैं। इस समय कोई पंडित इसको नकार नहीं सकता, लगभग अधिकांश 14 फरवरी को सूर्य भगवान कुम्भ राशि पे होतें हैं और कुम्भ राशि के स्वामी कौन हैं ? शनि देव । कुम्भ राशि के स्वामी शनि, शनि देव सूर्य भगवान के बेटे हैं। वो अपने पिता का खूब आदर करते और पिता की परिक्रमा करते हैं। 14 फरवरी के दिन वेलेंटाईन डे मनाते हैं न उनपे सूर्य भगवान और शनिदेव दोनों नाराज़ होतें हैं। भयंकर और 14 फरवरी के दिन जो माता पिता का पूजन करते हैं उन पर सूर्य भगवान और शनि देव खुश होते हैं, क्योंकि उस दिन शनि देवता भी सूर्य भगवान की पूजा करते हैं। सूर्य भगवान की परिक्रमा करते हैं।


नस-नाड़ियों की कमजोरी


नस-नाड़ियों की कमजोरी में 1-3 ग्राम (जैसा अनुकूल हो) अश्वगंधा 10 ग्राम पानी में उबाल के दूध में डाल लें और वो दूध पीने से बल आएगा।


पंचक


आरंभ 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार को प्रातः 2.11 बजे


पंचक समाप्ति 16 फरवरी 2021 दिन मंगलवार रात 8.57 बजे।


जया एकादशी : मंगलवार, 23 फरवरी


प्रदोष व्रत : 24 फरवरी


माघ पूर्णिमा : 27 फरवरी, शनिवार


फाल्गुनी अमावस्या : 13 मार्च , शनिवार

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top