कोरोना महामरी के दौर में वायरस से दो-दो हाथ करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर नरेंद्र मोदी सरकार मेहरबान होने वाली है। कोरोना काल में जिम्मेदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने के बदले में सरकार उनकी सैलरी बढ़ाने के लिए सोच रही है।
सरकारी कर्मचारियों के अच्छे कार्य की वजह से देश को कोरोना से उबरने में ज्यादा समय नहीं लगा, इसलिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने बजट में सरकारी कर्मचारियों को अब लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) कैश पर इनकम टैक्स नहीं देने की घोषणा की है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि LTC को COVID-19 महामारी की वजह से कर छूट में रखा गया है। सरकार का पक्ष रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से सरकारी कर्मचारियों की जेब में पैसा आएगा। जाहिर है कि पैसा आने पर कर्मचारी बाजार में खर्च करेंगे, जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी। ऐसा करने से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
एलटीसी योजना की घोषणा पिछले साल 12 अक्टूबर को की गई थी। पहले यह योजना सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए थी। बाद में निजी और अन्य राज्य कर्मचारियों को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया। सरकार ने कहा कि जो कर्मचारी कोरोना वायरस के कारण LTC का लाभ नहीं ले सके, उन्हें यात्रा भत्ता अवकाश योजना में नकद वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 4 साल में लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) मिलता है। इस भत्ते के जरिए कर्मचारी देश में कहीं भी यात्रा कर सकता है। इन 4 साल की अवधी के दौरान केंद्रीय कर्मचारी को दो बार अपने घर जाने का मौका मिलता है। इस यात्रा भत्ते में कर्मचारियों को 10 दिन की पीएल (विशेषाधिकार छुट्टी) के साथ हवाई यात्रा और रेल यात्रा का खर्च मिलता है।
एलटीसी के तहत यात्रा का किराया कर्मचारी के ग्रेड के अनुसार भुगतान किया जाएगा
सरकार ने कहा कि एलटीसी के एवज में कर्मचारियों को नकद भुगतान दिया जाएगा और यात्रा का किराया कर्मचारी के ग्रेड के अनुसार भुगतान किया जाएगा। किराया का भुगतान पूरी तरह से कर मुक्त होगा। कर्मचारियों को इन पैसों को किसी एक वस्तु पर पैसा खर्च करना होगा जो 12% या अधिक जीएसटी को आकर्षित करता है। यात्रा भत्ता या अवकाश भत्ता का दावा करते समय जीएसटी रसीद कर्मचारियों को जमा करना होगा।
सरकार जल्द डीए पर भी फैसला लेगी
कोरोना वायरस महामारी के दौरान मोदी सरकार ने कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी को रोक दिया था। लेकिन, अब ऐसा माना जा रहा है कि सरकार डीए को लेकर एक बार फिर से अहम फैसला ले सकती है। एआईसीपीआई (अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) जारी होने के बाद, यह लगभग तय है कि अनुमानित 4 प्रतिशत डीए बढ़ाया जाएगा। साथ ही पुराने डीए को वेतन में एरियर के रूप में दिया जाएगा। कुल मिलाकर, जल्द ही सरकारी कर्मचारियों को अधिक पैसा मिलने वाला है।
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