- ईपीएफओ पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला सैलरी के मुताबिक पेंशन के लिए उनके लंबे इंतजार को खत्म करेगा।
नौकरीपेशा वाले व्यक्तियों के लिए आने वाले दिनों में आपके प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का स्वरूप (स्ट्रक्चर) बदल सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) की तरफ से दायर अपील पर 21 महीने के बाद शीर्ष अदालत ईपीएफओ (EPFO) की रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करेगा। जस्टिस यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच आज (18 जनवरी) याचिकाओं पर विचार कर रही है। श्रमिक संगठनों को उम्मीद है कि शीर्ष अदालत का फैसला पेंशनर और कामगारों के पक्ष में आ सकता है।
केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने पेंशनरों के पक्ष में सुनाया था फैसला
ईपीएफओ पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सैलरी के मुताबिक पेंशन के लिए उनके लंबे इंतजार को खत्म करेगा। इससे पहले केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ पेंशनरों के पक्ष में फैसला सुनाया था।
पहली अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme) की मंथली पेंशन पर केरल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। श्रम मंत्रालय ने तब ईपीएफओ की तरफ से दायर रिव्यू पिटीशन के बावजूद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
12 जुलाई 2019 को, तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करने का आदेश दिया था। इस बीच, संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने अक्टूबर 2019 में इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।
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