- अदालत में सुनवाई के लिए हाजिर नहीं होने पर जारी कर दिया था खैर जमानती वारंट
- प्रवासी कामगारों को बस की अनुमति नहीं देने पर धरने पर बैठ गए थे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बुधवार को अदालत में समर्पण कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ सात जनवरी को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था।
पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, पूर्व एमएलसी विवेक बंसल के सात जनवरी को हाजिर होने पर अदालत ने उनकी भी अंतरिम जमानत 13 जनवरी तक बढ़ा दी थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ प्रदीप माथुर व विवेक बंसल भी हाजिए हुए।
फतेहपुर सीकरी थाने में तीनों कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ 19 मई, 2020 को लाकडाउन उल्लघंन और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने राजस्थान सीमा से प्रवासी श्रमिकों को पहुंचाने के लिए आईं बसों को प्रवेश न मिलने पर धरना दिया था।
पुलिस ने 20 मई को तीनों नेताओं को अदालत में हाजिर किया। अदालत ने उन्हें 16 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी थी। कोविड-19 को लेकर अंतरिम जमानत की अवधि लगातार बढ़ाई जाती रही।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, पूर्व एमएलसी विवेक बंसल को पांच जनवरी तक अंतरिम जमानत मिली थी। उनकी ओर से अधिवक्ता रमा शंकर शर्मा और रामदत्त दिवाकर ने विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए उमाकांत जिंदल की अदालत में अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
अदालत ने तीनों नेताओं को सात जनवरी तक मोहलत दी थी। सात जनवरी यानी गुरुवार की दोपहर पूर्व विधायक प्रदीप माथुर और पूर्व एमएलसी विवेक बंसल अदालत में हाजिर हुए। उनके द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद अदालत ने 13 जनवरी तक अंतरिम जमानत बढ़ाने के आदेश दिए थे, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर और पूर्व एमएलसी विवेक बंसल विशेष न्यायाधीश एमपी और एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए हैं। अदालत का फैसला देर शाम तक आने की संभावना है।
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