Aligarh Muslim University : टाइम कैप्सूल में सहेजा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का इतिहास

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  • गणतंत्र दिवस पर एएमयू के ऐतिहासिक विक्टोरिया गेट के सामने पार्क में सुरक्षित रखा गया

 विक्टोरिया गेट के समीप पार्क में तीस फिट गहरे गड्डे में टाइम कैप्सूल को सुरक्षित करते एएमयू के पदाधिकारी

दिव्यांशी मिश्रा, अलीगढ़ 

72वां गणतंत्र दिवस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के लिए ऐतिहासिक महत्व का रहा।इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर (AMU) यूनिवर्सिटी के 100 साल के इतिहास को टाइम कैप्सूल के जरिये जमीन में सहेजा गया है। एएमयू देश की पहली यूनिवर्सिटी है, जिसका इतिहास इस प्रकार सुरक्षित किया गया है। वर्ष 1920 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज से यूनिवर्सिटी एएमयू में तब्दील हुई थी। यहां यह जानना भी जरूरी है कि सर सैयद अहमद खान ने 74 एकड़ फौजी छावनी की जमीन पर वर्ष 1877 में एमएओ कॉलेज की नींव रखी थी।(AMU)

 

विक्टोरिया गेट के पास पार्क में सुरक्षित


ऐतिहासिक विक्टोरिया गेट के सामने पार्क में कैप्सूल को सुरक्षित रखने के लिए 30 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। इस गड्ढे में डेढ़ टन का स्टील से तैयार कैप्सूल सुरक्षित रखा गया है। इस कैप्सूल में यूनिवर्सिटी के सौ साल के सफर की हर गतिविधि को प्रिंट फाॅरमेट में रखा गया है।



सर सैयद अहमद के यहां मदरसा खोलने से लेकर एमएओ कालेज की स्थापना और इसके लिए किए गए संघर्ष की दास्तान है। काॅलेज बनाने के लिए किस से क्या मदद ली, उसका पूरा विस्तृत विवरण दिया गया है। 


जमीन मिलने से लेकर आज तक

अंग्रेजों से कॉलेज की स्थापना के लिए 74 एकड़ सैन्य छावनी की भूमि कैसे मिली, कॉलेज की स्थापना सौ साल बाद वर्ष 1920 में यूनिवर्सिटी कैसे बनी। तब से अब तक कितने कुलपति, कुलाधिपति रहे। एएमयू के विकास और संवर्धन में उनका योगदान। इसी तरह दीक्षा समारोह, सर सैयद डे में कौन-कौन अधिकारी शामिल हुए उन्होंने क्या बोला इसे भी कैप्सूल सुरक्षित किया गया है। (AMU) एएमयू के जनसंपर्क विभाग के अनुसार कैप्सूल में डिजिटल फार्म में कुछ नहीं रखा गया है, क्योंकि हर 10-20 वर्ष में तकनीक बदल जाती है। आगे कौन सी तकनीक विकसित होगी यह किसी को नहीं पता है। 


डिजिटल डाटा कितना सुरक्षित, भविष्य में हो सकेंगे इस्तेमाल

पीआरओ विभाग ने बताया कि यूनिवर्सिटी के डाटा को अगर पेन ड्राइव एवं हार्ड डिस्क में रखें तो उसका इस्तेमाल भविष्य में हो पाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। देश में कुछ जगह मिली लिपियों को आज तक पढ़ा भी नहीं जा सका है। इसलिए इस डाटा को क्लाउड स्टारेज भी कर रहे हैं।(AMU)


ऐसे अस्तित्व में आया एएमयू

सर सैयद अहमद खां ने 24 मई 1875 में सात छात्रों से मदरसा के रूप में यूनिवर्सिटी (AMU) की नींव रखी गई थी। 8 जनवरी 1877 को 74 एकड़ सैन्य छावनी (Cantt) की भूमि में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज स्थापित किया। एमएओ कॉलेज को एएमयू में अपग्रेड करने के लिए शिक्षा सदस्य सर मोहम्मद शफी ने 27 अगस्त 1920 को इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में बिल पेश किया था। काउंसिल ने इसे 9 सितंबर को दोपहर 12ः03 बजे पारित किया। गवर्नर जनरल की सहमति भी मिली। एक दिसंबर 1920 को अधिसूचना जारी हुई थी। उसके बाद विश्वविद्यालय (AMU) अस्तित्व में आया। 


एएमयू के पहले कुलपति राजा महमूदाबाद बने

एएमयू की स्थापना के बाद पहले कुलपति राजा महमूदाबाद बने। 17 दिसंबर 1920 को एएमयू के स्ट्रेची हाल में उद्घाटन हुआ था। यूनिवर्सिटी के सौ साल पूरे होने पर 22 दिसंबर 2020 को शताब्दी समारोह भी आयोजित किया गया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधित भी किया था।

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