- राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के दौरान AMU के छात्र शादाब से प्रधानमंत्री ने की बातचीत
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)के 11वी कक्षा के छात्र शादाब का चयन हुआ है। सोमवार को उसकी देश के प्रधानमंत्री से बात हुई, शुरूआत में वह काफी घबराया हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी घबराहट और झिझक दूर हो गई। उसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाई मिनट तक बातचीत हुई। शादाब ने कहा कि वह यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका (USA)में जाकर देश का नाम और ऊंचा करना चाहते हैं। उनका सपना आइएएस अधिकारी (IAS Officer)बनने का है। इसके लिए अभी से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए अलीगढ़ के शादाब का चयन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए देश भर के बाल मेधावियों से रूबरू हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री (PM)की अलीगढ़ के कलेक्ट्रेट के जिला सूचना विज्ञान केंद्र में शादाब से भी बातचीत हुई। एनआइसी में अपनी मां जरीना बेगम के साथ आए थे।
माता-पिता से मिली डॉ. कलाम जैसा बनने की सीख
शादाब ने बताया कि माता-पिता ने बचपन से सीखाया है कि डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जो देश के मिसाइलमैन कहलाए। उनकी तरह बनो और देश की सेवा कर उसी तरह नाम कमाओ। उनको अपना आदर्श मानते हुए आगे बढ़ो। पीएम मोदी ने शादाब से कहा कि उनके माता-पिता का विशेष रूप से आभार इसलिए है क्योंकि उन्होंने बच्चे को बचपन से ही डाॅ. कलाम जैसी शख्सियत को अपना हीरो बनाने के लिए प्रेरित किया है। जिस घर में बच्चों के हीरो डाॅ. कलाम होंगे वहां से देश का नाम रोशन होना तय है।
कर्म की सबकुछ, इसे याद रखें
ज्ञानार्जन श्रेणी में शादाब चयनित किए गए थे। शादाब ने बताया कि पुरस्कार की उत्सुकता के बीच पीएम सर से बात करने को लेकर घबराहट भी थी। उन्होंने इनती सहजता के साथ बात शुरू करते हुए जोड़ लिया, पता ही नहीं चला कि प्रधानमंत्री जी से बात कर रहे हैं। उनसे यह सीखने को मिला कि कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न पहुंच जाएं कभी सहजता नहीं खोनी चाहिए। शादाब ने कहा कि पीएम सर ने सीख दी कि पुरस्कार के साथ मिलने वाली वाहवाही के फेर में अपने कर्म को कभी पीछे मत होने दें। इस आधार पर कह सकते हैं कि यह पुरस्कार ही सबकुछ नहीं है। आगे बढ़ने के लिए अभी और मेहनत करने की जरूरत है।
अमेरिका में पढने के लिए मिली थी स्कालरशिप
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 11वीं में पढ़ रहे शादाब को अमेरिका में पढ़ने के लिए 20 लाख रुपये की स्कालरशिप मिली थी। 200 घंटे की समाजसेवा एवं बेहतर कार्य के लिए 40 देशों के 800 छात्रों में शादाब को स्टूडेंट आफ द मंथ चुना था। अमेरिका के संस्थान से हाईस्कूल में सर्वाधिक 97.6 प्रतिशत अंक हासिल कर शादाब ने स्कूल टाॅप किया।
मोटर मैकेनिक हैं पिता
शादाब के पिता मोटर मैकेनिक हैं, उनका चयन आसान नहीं था। समूह चर्चा, अंग्रेजी, गणित, निबंध, विज्ञान आदि चरणों से गुजरना पड़ा। शादाब ने एएमयू के मिंटो सर्किल से उर्दू मीडियम से उस वक्त 9वीं कक्षा पास की थी।
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