गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल चल रहा था पूर्व सांसद का इलाज, हृदयाघात से मौत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गोंडा और बलरामपुर के पूर्व सांसद रहे सत्यदेव सिंह की बुधवार देर रात मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से उबरने के बाद उन्हें हार्ट अटैक पड़ गया, जिससे इलाज के दौरान गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी में निधन हो गया है। उनके निधन की पुष्टि भाजपा जिलाध्यक्ष सूर्य नारायण तिवारी ने की है।
शहर के सरकुलर रोड निवासी पूर्व सांसद बीते दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार न होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से मेदांता मेडिसिटी हास्पिटल में शिफ्ट किया गया था। वहां पर वह कोरोना निगेटिव हो गए थे। वह मेदांता में प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे। बुधवार की रात हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी पू्र्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरोजरानी सिंह की मौत हुई है।
कई अहम जानकारियां संभालीं
पूर्व सांसद युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे। पार्टी उन पर काफी भरोसा करती थी। भाजपा के पुराने और भरोसेमंद नेताओं में शुमार थे।
अटल बिहारी वाजपेई के थे करीबी
वह पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह भाजपा के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोर कमेटी में शामिल रहे थे। उनके करीबियों में थे।
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका
राम मंदिर आन्दोलन में भी देवीपाटन मंडल से उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। भाजपा के जिला मंत्री प्रदीप मिश्र ने बताया कि सत्यदेव सिंह 1977 में पहली बार गोण्डा लोकसभा क्षेत्र से जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद 1991 और 1996 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में बलरामपुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह 1980 से 1985 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में लाल बहादुर शास्त्री कालेज में प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष भी थे। भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य भी थे।
वह लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, मनोज सिन्हा व आरएसएस के साथ ही भाजपा के शीर्ष नेताओं के करीबी थे। उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।
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