Good News : प्रदेश की पहली न्यूरो सर्जिकल स्किल लैब बनेगी कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में

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  • पीएमएसएसवाई के तहत 15 करोड़ रुपये का केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव
  • पढ़ाई को आने वाले रेजीडेंट को बताएंगे ब्रेन-स्पाइन से जुड़ी सर्जरी की बारीकियां



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रदेश की पहली न्यूरो सर्जिकल स्किल लैब बनाने की तैयारी शुरू है, जहां एमसीएच इन न्यूरो सर्जरी की पढ़ाई के लिए आने वाले रेजीडेंट को पहले वर्चुअल तरीके से ब्रेन और स्पाइन से जुड़ी सर्जरी की बारीकियां बताई जाएंगी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत विभागाध्यक्ष ने 15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। ऐसी लैब अभी तक प्रदेश में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) एवं किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भी नहीं हैं।


जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पीएमएसएसवाई के तहत 200 करोड़ रुपये से उच्चीकृत किया जा रहा है। सात मंजिला 240 बेड के मल्टी सुपरस्पेशियलिटी विंग में अलग न्यूरो सर्जरी विभाग भी बन रहा है।

 यहां वर्ष 2021-22 से एमसीएच इन न्यूरो सर्जरी की पढ़ाई शुरू हाेगी। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं। सर्जरी से लेकर पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपकरण मंगाए जा रहे हैं।


 पढ़ाई करने को यहां आने वाले रेजीडेंट को ब्रेन एवं स्पाइन की न्यूरो एनाटमी, ब्रेन की एंजियोग्राफी और ब्रेन व स्पाइन से जुड़ी सर्जरी के गुर बताने के लिए न्यूरो सर्जिकल स्किल लैब बननी है। जहां वर्चुअल न्यूरो एनाटमी टेबिल, एनाटमास टेबिल और एडवांस मशीनें लगाई जाएंगी।


यह होगी लैब की खासियत


पढ़ाई के लिए आने वाले रेजीडेंट को ब्रेन और स्पाइन में हाई स्पीड यानी 74 हजार राउंड पर मिनट से ड्रील करना सीखाया जाएगा। इसमें झटका लगने से ब्रेन और स्पाइन में जटिलता हो सकती है। इसे करना सीखाया जाएगा। 

कंप्यूटराइडज्ड मैनी क्वीन पर जब सर्जिकल प्रोसिजर करेंगे तो गलती होने पर आदमी की तरह रिएक्ट करेगी। गलती की वजह भी बताएगी। आधुनिक मशीनों पर जहां ब्रेन और स्पाइन की थ्रीडी इमेज देखकर एक-एक नसों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। एडवांस मशीन से ब्रेन की एंजियोग्राफी, क्वाइलिंग और दिमाग की नसों के ऑपरेशन करना सीखेंगे।


रोबोटिक सर्जरी में होंगे निपुण


लैब में रोबोटिक सर्जरी से जुड़े उपकरण भी मंगाए जा रहे हैं। जहां रेजीडेंट ब्रेन और स्पाइन से जुड़े ऑपरेशन करना सीखेंगे। आने वाला समय रोबोटिक सर्जरी का है, इसलिए आधुनिक उपकरणों को चलाना सीखाया जाएगा।


यह उपकरण मंगाए जाएंगे


न्यूरो माइक्रोस्कोप, हाई स्पीड ड्रील मशीन, रोबोटिक सर्जिकल सेटअप, कंप्यूटराइज्ड मैनी क्वीन।


इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपार्टेंस में ही लैब


देश के पांच संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपार्टेंस का दर्जा मिला हुआ है। इसमें पुडुचेरी का जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिपमर), बेंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निम्हेंस), एम्स दिल्ली, पीजीआइ चंडीगढ़ अौर एक संस्थान है।


नेशनल मेडिकल कमीशन ने देशभर के चिकित्सकीय संस्थानों को अपने-अपने विभागों में लैब स्थापित करने के लिए कहा है। मेडिकल कॉलेज में यहां एमसीएच इन न्यूरो सर्जरी की पढ़ाई शुरू होनी है। इसलिए स्किल लैब बनाई जा रही है। केंद्र सरकार से भी सहमति मिल चुकी है। यह प्रदेश की पहली लैब है, जहां प्रदेश की नहीं देश भर से विशेषज्ञ ट्रेनिंग के लिए आएंगे।

  • डॉ. मनीष सिंह, विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

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