- पहले व दूसरे चरण में 75 वालंटियर्स को लगाई गई वैक्सीन, चार माह बाद भी एंटीबॉडी बरकरार
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में 75 कनपुरिए वालंटियर्स को लगाई गई वैक्सीन में एंटीबॉडी के टाइटर 90 फीसद तक मिले हैं। वैक्सीन ट्रायल के बेहतर परिणाम से सभी उत्साहित हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सौंपी गई है। फिलहाल तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है, जिसमें वालंटियर्स काे पहली डोज लगाई भी जा चुकी है।
वालंटियर्स को निश्चित अंतराल में बुलाकर उनके रक्त नमूने लेकर जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च भेजा जा रहा है। वहां से मिली रिपोर्ट के मुताबिक 108 दिन बाद हुई जांच में भी वालंटियर्स में पर्याप्त एंटीबॉडी मिली है। ट्रायल के चीफ गाइड का दावा है कि वैक्सीन लगाने के बाद साल भर तक कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बरकरार रहेगी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) के निर्देशन में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, हैदराबाद ने कोरोना के वायरस के मृत स्ट्रेन से स्वदेशी कोवैक्सीन तैयार की है। वैक्सीन तैयार करने के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) से अनुमति मिलने पर मानव पर चिकित्सकीय परीक्षण (ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल) शुरू किया।
उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत देश के 12 केंद्रों में जुलाई में ट्रायल का शुरू हुआ था। क्लीनिकल ट्रायल के चीफ गाइड प्रो. जेएस कुशवाहा ने बताया कि पहले चरण में 33 एवं दूसरे चरण में 42 वालंटियर्स को लगाई गई। उनकी निश्चित अंतराल में कराई जा रही रक्त में एंटीबाॅडी की जांच रिपोर्ट उत्साह जनक मिली है। 108 दिन बाद हुई वालंटियर्स में 90 फीसद एंटीबॉडी के टाइटर मिले हैं। इसकी रिपोर्ट आइसीएमआर ने डीजीसीआइ को भेजी है।
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