14 दिसंबर 2020, सोमवार
विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942
सूर्योदय 07:09 बजे, सूर्यास्त 17:58 बजे
दक्षिणायन, हेमंत ऋतु, मार्गशीर्ष मास
कृष्ण पक्ष, अमावस्या तिथि रात्रि 09:47 बजे तक तत्पश्चात प्रतिपदा
ज्येष्ठा नक्षत्र रात्रि 11:26 बजे तक तत्पश्चात मूल
शूल योग रात्रि 12:53 बजे तक तत्पश्चात गण्ड
राहुकाल सुबह 08:29 बजे से सुबह 09:51 बजे तक
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत-त्योहार विवरण : दर्श अमावस्या, सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से रात्रि 09:47 बजे तक)
विशेष - अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रुद्राष्टकम का पाठ प्रतिदिन करने से सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होता है। जयोतिषशास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान करने से हजार गोदान का फल मिलता है। इसके अलावा इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो भी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजन के बाद पीपल की 108 बार परिक्रमा करें। इसके बाद प्रणाम करके प्रार्थना करें कि जीवन में आने वाली आर्थिक समस्याएं खत्म करने की प्रार्थना करें। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर नौकरी संबंधित परेशानियों से जूझ रहे हों तो सोमवती आमावस्या के दिन ओंकार मंत्र का जप करना अत्यंत फलदायी होता है। इसके जप से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है। अगर इस दिन रात में रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को रोटी खिलाएं, ऐसा करने से जीवन में आने वाले सारे कष्ट और करियर में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
ससुराल में तकलीफ़ हो तो
सुहागन को अगर ससुराल में कष्ट है। मनोकामनाएं पूरी न होने की पीड़ा है। ऐसे में महर्षि अंगीरा के बताए अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या ( इस 14 दिसम्बर 2020 सोमवार को ) माँ पार्वती का स्मरण करते हुए उनको मन ही मन प्रणाम करें- हे माँ मैं अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि की वृद्धि के लिए यह व्रत कर रही हूँ। सुबह यह संकल्प करें और 11 मंत्र से माँ पार्वती को प्रणाम करें।
ॐ पार्वतये नमः
ॐ हेमवत्ये नमः
ॐ अम्बिकाय नमः
ॐ गिरीश वल्लभाय नमः
ॐ गंभीर नाभ्ये नमः
ॐ अपर्नाये नमः
ॐ महादेव्यै नमः
ॐ कंठ गामिन्ये नमः
ॐ क्षण मुखाये नमः
ॐ लोक मोहिन्ये नमः
ॐ मेनका कुक्षी रत्नाये नमः
फिर भगवान गणपतिजी और कार्तिक स्वामी को मन ही मन प्रणाम करें। हो सके तो 8 बत्ती वाला दीपक जलाएं। रात भर वो दीपक जलता रहना चाहिए।
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गुगल, 7. गुड़, 8. देशी कपूर, गौ चंदन या कण्डा।
विधि : गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें। इन आठ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिए गए देवताओं की 1-1 आहुति दें।
आहुति मंत्र
1. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
2. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
3. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
4. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
5. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
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