- वहशी कर्नल की हरकतों को मोाबइल में किया रिकार्ड, बनेंगी साक्ष्य
- बच्चे ने सुनाई कहानी, आरोपी कर्नल ने मां से की मारपीट
सीओडी के कर्नल नीरज गहलोत ने अपने बचपन के दोस्त की रशियन पत्नी के साथ दुष्कर्म किया है। इस मामले कई सबूत सामने आए हैं। कर्नल के दोस्त ने बताया कि जब वह होश में आया तो अपनी पत्नी के साथ कर्नल को बेडरूम में पाया। जिस समय घटना हुई, पीड़िता के नौ वर्षीय पुत्र ने अपने मोबाइल से फोटोग्राफ लिए थे। पुलिस बच्चे की गवाही और मोबाइल में सुरक्षित फोटोग्राफ को कर्नल के खिलाफ साक्ष्य बनाएगी। वहीं, सोमवार को पीड़िता अपने पति के साथ लखनऊ से कानपुर के कैंट थाने आई। पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद मेडिकल जांच भी कराई।
लखनऊ के आशियाना, रेल नगर सेक्टर जे निवासी कर्नल नीरज गहलोत कानपुर सीओडी में तैनात हैं। कर्नल ने लखनऊ में ही रहने वाले बचपन के दोस्त को उसकी पत्नी के साथ डिनर पर आमंत्रित किया था। 10 दिसंबर की रात नौ बजे दंपति कर्नल के सरकारी आवास पहुंचे। वहां तीनों ने डिनर संग शराब पी। आरोप है कि इस दौरान कर्नल ने चुपके से पति की शराब में नशीला पदार्थ मिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गए। उसके बाद कर्नल दोस्त की पत्नी को बेडरूम में ले जाकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर मारपीट भी की। इस दौरान दोस्त की बेहोशी टूटी तो कर्नल को अपनी पत्नी के साथ बेडरूम में पाया। इस पर उसने कर्नल को थप्पड़ जड़ दिए। ऐसे में कर्नल वहां से फरार हो गए। उसके पति ने कर्नल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
पीड़िता ने दर्ज कराए अपने बयान
पीड़ित दंपति सोमवार को थाना कैंट पहुंचा। सूचना मिलते ही सबसे पहले मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए, इसके बाद पुलिस ने भी बयान दर्ज किए। इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद पीड़िता को मेडिकल के लिए अस्पताल भेजा गया। उन्हें अदालत में बयान दर्ज कराने के लिए भी भेजा गया, मगर देर होने की वजह से सोमवार को बयान दर्ज नहीं हो सके।
मेडिकल रिपोर्ट में सिर्फ दो ही चोटें
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में सिर्फ दो बाहरी चोटों का जिक्र किया है। आंख के नीचे और कमर के नीचे दो स्थानों पर नीले निशान पड़े होने की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में की गई है। डॉक्टर ने चोटें 48 घंटे पुरानी होने का जिक्र भी किया है। इसके अलावा शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि कर्नल ने पीड़ित महिला के साथ वहशियाने तरीके से मारपीट की थी।
पहले भी कर चुका पीड़िता से छेड़छाड़
सीओ कैंट के मुताबिक पुलिस से पूछताछ में पीड़िता के पति ने बताया है कि उसकी शादी 16 साल पहले हुई थी। आरोपी कर्नल नीरज गहलोत ने कई साल पहले उनकी पत्नी से छेड़छाड़ की थी, जिसके बाद कर्नल ने माफी मांग ली थी। मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था। बचपन की दोस्ती की वजह से सब कुछ सामान्य हो गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि पूर्व में ट्रेनिंग के समय भी उसने छेड़छाड़ जैसी किसी घटना को अंजाम दिया था।
आरोपी कर्नल शहर में ही डटे
कर्नल ने घटना के बाद अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया था। सोमवार की दोपहर अचानक मोबाइल ऑन हुआ। कर्नल से मीडिया के कुछ लोगों ने बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने बात नहीं की। सूचना पर पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन निकाली तो वह कानपुर की ही मिली। सीओ कैंट ने बताया कि जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
रेप का आरोप, फिर भी अवकाश स्वीकृत
कर्नल नीरज गहलोत पर दुष्कर्म का आरोप है। उसके बाद भी सीओडी प्रशासन से कर्नल का 12 दिसंबर से अवकाश स्वीकृत कर दिया। सीओ कैंट के मुताबिक अवकाश पर जाने से पहले ही कर्नल के अधिकारियों को उनके कृत्य की जानकारी दी गई थी। किन परिस्थितयों में अवकाश स्वीकृत हुआ, उसके बारे में जानकारी नहीं है। सीओ ने बताया कि सीओडी की पुलिस की ओर से लिखित में जानकारी दे दी गई है।
कर्नल के पिता भी सेना के सेवानिवृत अधिकारी
आरोपी कर्नल नीरज गहलाेत का पूरा परिवार सेना की पृष्ठभूमि से है। पिता एसएस गहलाेत भी सेना से रिटायर्ड कर्नल हैं। परिवार में अन्य भी कई सदस्य सेना में है। पुलिस के मुताबिक यह लोग मूल रूप से प्रयागराज के रहने वाले हैं, जोकि लखनऊ में आकर बस गए।
इंस्पेक्टर कैंट आदेश चंद्र ने बताया कि आरोपित की पत्नी अपने दो बेटियों के साथ प्रयागराज में ही रहती है। पुलिस ने रविवार रात लखनऊ में आरोपी कर्नल के तीन ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन वहां नहीं मिले। पुलिस कर्नल की प्रयागराज में रह रही पत्नी का पता लगा रही है। पता लगते ही पूछताछ के लिए एक टीम प्रयागराज भेजी जाएगी।
अहम साक्ष्य हाथ लगा है। दंपति का नौ साल का बेटा भी वहां था। डिनर के समय वह सबके फोटाे ले रहा था। उसने कर्नल को पीड़िता को जबरन उठाकर लेकर बेडरूम तक जाने के फोटो मोबाइल में कैद किए हैं। पुलिस ने बच्चे से भी पूछताछ की है। उसने आंखों देखे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को बताया है। नौ साल के बच्चे को इस प्रकरण में गवाह भी बना सकती है।
- निखिल पाठक, सीओ कैंट, कानपुर नगर।
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