कानपुर से मुंबई के लिए चली थी पहली ट्रेन

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  • 962 मील लंबी लाइन का तेजी से किया गया था विस्तार
  • वर्ष 1865 में पूर्ण हुआ था दिल्ली-हावड़ा रूट, दौड़ी थीं ट्रेन



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


ब्रिटिश काल में ही रेलवे के मानचित्र में कानपुर सेंट्रल स्टेशन शामिल हो गया था। यहां के रेलवे स्टेशन की भव्य और आकर्षक बिल्डिंग अतीत की याद दिलाती है। यहां से मुंबई के लिए पहली ट्रेन वर्ष 1860 में चली थी।

इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से कानपुर के बीच रेलवे लाइन बिछाने की शुरूआत अंग्रेजी हुकूमत ने वर्ष 1855 में की थी। इस बीच, वर्ष 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आगाह होने से रेलवे लाइन बिछाने का कार्य प्रभावित हाे गया। इस वजह से ट्रेन नहीं चलाई जा सकीं।


इलाहाबाद से कानपुर के बीच पहली ट्रेन 3 मार्च 1859 को चलायी गई थी। इसी के साथ ट्रेनों का सफर शुरू हो गया था। उधर, मुंबई औद्योगिक नगरी बन चुका था। इसे देखते हुए वहां के लिए कच्चे माल का आयात, व्यापारिक संबंध और आवागमन को लेकर रेलवे पर निर्भरता बढ़ी तो तेजी के साथ 962 मील लंबी लाइन का विस्तार किया गया।

वर्ष 1860 में मुंबई के लिए कानपुर से पहली ट्रेन भेजी गई। उधर, दिल्ली से हावड़ा रूट पर रेल लाइन बिछाने का कार्य में भी तेजी से शुरू हो चुका था। वर्ष 1864 में इस रूट पर रेल लाइन बिछा ली गई लेकिन सबसे बड़ी बाधा यमुना पर पुल का न होना था। जाहिर था कि जब तक यमुना पर पुल नहीं बनेगा, दिल्ली से हावड़ा तक एक रूट होना मुश्किल था। रेलवे के इंजीनियरों ने पुल का काम शुरू किया। पुल 15 अगस्त 1865 में बनकर तैयार हो गया। उसके बाद 1020 मील लंबा दिल्ली हावड़ा रूट पूर्ण हो सका। उसके बाद यह रूट ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार हो गया। समय-समय पर इसमें वृद्धि और विस्तार होता रहा।

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