सूर्योदय - 07:07 बजे, सूर्यास्त 17:56 बजे
विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942
दक्षिणायन, हेमंत ऋतु
मार्गशीर्ष मास, कृृष्ण पक्ष
एकादशी तिथि सुबह 10:04 बजे तक तत्पश्चात द्वादशी
चित्रा नक्षत्र सुबह 08:48 बजे तक तत्पश्चात स्वाती
शोभन योग शाम 03:52 बजे तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल सुबह 11:11 बजे से दोपहर 12:32 तक
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
पंचक
19 दिसंबर
प्रातः 7.16 बजे से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक
व्रत पर्व विवरण - त्रिस्पृशा-उत्पत्ति एकादशी (भागवत), द्वादशी क्षय तिथि
विशेष : हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
राम रामेति रामेति। रमे रामे मनोरमे ।।
सहस्त्र नाम त तुल्यं। राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
दिसंबर माह के व्रत-त्योहार
12 शनिवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
13 रविवार मासिक शिवरात्रि
14 सोमवार मार्गशीर्ष अमावस्या
15 मंगलवार धनु संक्रांति
25 शुक्रवार मोक्षदा एकादशी
27 रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
30 बुधवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
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