- डेढ़ माह पहले मामूली विवाद में थानेदार ने पुलिस लॉकअप में बेरहमी से था पीटा
- नवगछिया एसपी की संस्तुति पर डीआईजी भागलपुर ने दिया बर्खास्तगी का आदेश
फरार आरोपी थानेदार एवं मृतक इंजीनियर की फाइल फोटो। सौ. : सोशल मीडिया। |
बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया इलाके के बिहपुर के इंजीनियर आशुतोष पाठक की थर्ड डिग्री टॉर्चर से लॉकअप में मौत के आरोपी थानेदार को रंजीत मंडल को डीआईजी सुजीत कुमार ने बर्खास्त कर दिया है। नवगछिया के एसपी स्वप्नाजी मेश्राम की संस्तुति पर डीआईजी ने आरोपी थानेदार को बर्खास्त कर दिया है। हालांकि आरोपी थानेदार डेढ माह से फरार चल रहा है। पुलिस अब तक उसे दबोच नहीं सकी है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नवगछिया एसपी ने तीन सप्ताह पहले डीआईजी से थानेदार को बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी। इस पर डीआईजी ने नवगछिया एसपी से कई बिंदुओं पर जबाब मांगा था। जबाब मिलने के बाद डीआईजी ने थानेदार रंजीत मंडल के बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।
जमकर हुआ था बवाल। जाम कर दी थी एनएच-31। फाइल फोटो। |
बता दें, दशहरा की नवमी के दिन 24 अक्टूबर को इंजीनियर आशुतोष पाठक अपने गांव पूजा करने के लिए जा रहे थे। उन्होंने पुलिस से बैरियर को थोड़ा ऊपर उठाने का आग्रह किया था। इस पर उनकी पुलिस से नोकझोक हुई थी। इस विवाद के बाद थानेदार पुलिसकर्मियों के सहयोग से उन्हें जबरन उठाकर थाना ले आए थे। थाना परिसर में उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। पिटाई से बुरी तरह जख्मी इंजीनियर को थानेदार ने पुलिसकर्मियों की मदद से निजी अस्पताल भेज दिया दिया था।
बाद में परिवारीजनों ने सूचना मिलने के बाद जख्मी इंजीनियर को अस्पताल में भर्ती कराया। बेरहमी से हुई पिटाई की वजह से दूसरे दिन 25 अक्टूबर को उन्होंने दम तोड़ दिया था। उनकी मौत के बाद जमकर बवाल हुआ था।
नाराज ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे (एनएच-31) स्थित मड़वा चौक पर उनका शव रखकर घंटों जाम लगा दिया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। मृतक इंजीनियर के स्वजनों ने बिहपुर थाना में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें थानेदार रंजीत मंडल समेत अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपी थानेदार फरार है। पुलिस उसमें से कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
आरोपी थानेदार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। कई स्थानों पर दबिश दे चुकी है, लेकिन नवगछिया पुलिस उसे गिरफ्तार करने में अब तक सफल नहीं हुई है।
मामले के तूल पकड़ने पर नवगछिया एसपी समेत डीआईजी ने स्वयं घटनास्थल और थाना जाकर जांच की थी। पुलिस ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी जांच व अनुसंधान का भी सहारा लिया। मामले के तूल पकड़ने की वजह से पुलिस के अलावा प्रशासनिक और न्यायिक जांच भी चल जा रही है।
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