Dharm-Aadhyatm : यहां सती हुईं थीं पार्वती जी

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शक्तिपीठों का मूल है यह भैरव धाम


प्रारब्ध आध्यात्मिक डेस्क

 


आजमगढ़ जिले के महराजगंज स्थित भैरव धाम शक्तिपीठों का मूल स्थान है। मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां माता पार्वती सती हुईं थीं। यहां प्रत्येक पूर्णिमा को श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।


प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव को अपमानित करने के लिए राजा दक्ष ने यहां यज्ञ का आयोजन किया था। भगवान शिव के मना करने के बाद भी सती यज्ञ में जाने की जिद पर अड़ गईं। इस पर भगवान शंकर ने अपने मुख्य गणों के साथ उन्हें यहां भेजा था। माता भवानी जब दक्ष के घर आईं तो उनकी किसी ने आवभगत नहीं की।


दक्ष ने भी उनका हालत तक नहीं पूछा। यज्ञशाला में सती को भगवान शिव के लिए कोई भाग नहीं दिखाई दिया। तब भगवान शिव की कहीं हुई बातें उनकी समझ में आ गईं। उनका हृदय पति के अपमान की ज्वाला विचलित हो उठा। उन्होंने सभी सभासदों तथा मुनीश्वरों से क्रोधित होकर कहा कि जिन लोगों ने यहां भगवान शिव की निन्दा की या सुनी है उन सबकों उसका फल तुरन्त ही मिलेगा। मेरे पिता दक्ष भी पछताएंगे।


इसके बाद सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर प्राण तज दिए। जब यह समाचार भगवान शिव को मिला तो वह क्रोधित हो उठे। उन्होंने अपनी जटा की एक लट तोड़कर चुटकी से मसलकर धरती पर पटकी और जिससे दैत्याकार वीरभद्र उत्पन्न हुए।


वीरभद्र सैनिकों को साथ लेकर यज्ञ स्थल पर पहुंचे और सभी देवताओं तथा ऋषि मुनियों को उनके कृत्य के अनुसार दण्डित किया। दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर हवन कुण्ड में डाल दिया।

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