उत्तर प्रदेश के बरेली का शिक्षक हत्याकांड
- खेत से बरामद किया शिक्षक का कंकाल, पोस्टमार्टम के लिए भेजा
प्रारब्ध न्यूज डेस्क, लखनऊ
हत्या आरोपी पत्नी की विनीता की फाइल फोटो।
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जिस फिल्मी अंदाज में बरेली के हिंदी प्रवक्ता अवधेश की हत्या कराई गई। उसमें पत्नी की साजिश से उनके पड़ोसी तक हैरान हैं। घर में ताला पड़ा है। पड़ोसी इस परिवार के बारे में बात करने तक से कतरा रहे हैं। कर्मचारी नगर में पुलिस चौकी के पास निर्मल रेजीडेंसी में कुछ साल पहले ही अवधेश कुमार ने मकान बनवाया था। पत्नी विनीता घर के बाहरी हिस्से में ब्यूटी पार्लर चलाती थी। अवधेश का रोज घर से ही कॉलेज आते-जाते थे। दस दिन से घर में ताला पड़ा है और विनीता पहले से गायब है।
कुछ दिन पहले अवधेश की मां ने फिरोजाबाद से आकर पड़ोसियों से पूछताछ की थी। उन्होंने कोई नई जानकारी होने से इनकार किया। पड़ोस की एक महिला ने कहा कि विनीता की अवधेश से नहीं पटती थी, यह बात सभी जानते थे। अवधेश सरल स्वभाव के थे जबकि विनीता तेजतर्रार और फैशनपरस्त। विवाद होने पर अवधेश ही खामोश हो जाते थे, लेकिन मामला उनकी हत्या तक पहुंच जाएगा, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
अब शिक्षक की हत्या का पता लगने से स्थानीय लोग हैरत में हैं। घर और आसपास का इलाका सुनसान है। आसपास के लोगों से बात करने पर कोई जानकारी बतान या होने से इनकार कर दिया। पड़ोस की एक महिला ने कहा कि जो कुछ सुनने में आ रहा है वह डरावना है।
बरेली में तैनात 42 वर्षीय शिक्षक अवधेश की हत्या कर अधजले शव को नारखी स्थित खेत में गाड़ दिया गया था। शिक्षक की हत्या के लिए पत्नी विनीता और ससुरालीजनों ने पांच लाख रुपये की सुपारी एक हिस्ट्रीशीटर को दी थी। नारखी पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर शेर सिंह उर्फ चीकू को गिरफ्तार कर लिया है। बरेली से 12 अक्तूबर को लापता शिक्षक के हत्याकांड का खुलासा कर दिया। तहसीलदार की मौजूदगी में शव को खेत से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
हत्या के लिए 70 हजार रुपये एडवांस
अवधेश की हत्या की सुपारी खेरिया निवासी अवधेश के ससुर अनिल फौजी, मृतक की पत्नी विनीता ने पांच लाख रुपये में दी थी। 70 हजार रुपये एडवांस दिए थे। पूछताछ में हत्यारोपी ने बताया 12 अक्तूबर को अवधेश की हत्या बरेली में अपने साले खेरिया निवासी प्रदीप पुत्र अनिल फौजी, नारखी धौंकल निवासी भोला पुत्र अशोक गुप्ता, एटा थाना सकरौली के छोटी रानी निवासी पप्पू जाटव एवं अंकित के साथ मिलकर गला दबाकर की थी। हत्या के बाद शव को बरेली से कार से लाकर नारखी क्षेत्र में जलाने के बाद रामदास के खेत में दबा दिया था।
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