- भारतीय सेना सुगमता से चीन की सरहद तक पहुंचेगी
- घाटी के किसानों के बहुरेंगे दिन, सुधरेंगे आर्थिक हालात
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
राष्ट्र को समर्पित अटल टनल से मुश्किलें आसान हो जाएंगी। चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच अटल टनल का शुरू होना, भारत के लिए बड़ी कामयाबी है। सेना अपने लश्कर के साथ लद्दाख और फिर वहां से चीन तक आसानी से पहुंच सकेगी। अब चीन की सरहद तक पहुंचने के तीन रास्ते हो गए हैं, जिनके जरिए भारतीय सेना सुगमता से वहां पहुंचाई जा सकेगी।
यह हैं रास्ते
अटल टनल तीसरा रास्ता है, जिसके जरिये तीव्र गति से किसी भी मौसम में चीन से लगी भारतय सरहद तक पहुंचा जा सकेगा। अभी तक कारगिल या लेह पहुंचने के दो रास्ते थे, इसमें से एक श्रीनगर से जोजिला दर्रे को पार करते हुए लेह पहुंचने का है, जो पारंपरिक रास्ता है। वहीं, दूसरा रास्ता मनाली से रोहतांग, दारचा, बारालाचा और तंगलांग ला होते हुए लेह तक पहुंचता है।
चीन तक ऐसे पहुंचेगी सेना
लद्दाख तक पहुंचने में मौसम की दुरुह चुनौतियां सामने होती थीं। इन्हें पछाड़ते हुए देश की सेवा के लिए हमारी सेना वहां तक पहुंचती थी। अटल टनल बनने से कारगिल तक पहुंचने में कम दूरी तय करनी होगी। सेना लद्दाख से चीनी सरहद तक आसानी से पहुंच सकेगी। अन्य दो रास्तों पर दबाव भी कम होगा। यही कारण है कि इस रास्ते को लेकर चीन को एतराज है।
किसानों की चिंता होगी दूर
अटल टनल से शीत मरुस्थल लाहुल-स्पीति का सेब, आलू, गोभी व हरा मटर अब देश की मंडियों तक आसानी से पहुंचेगा। लाहुल के किसान एवं बागवानों को उत्पाद बेचने की चिंता नहीं सताएगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग से भी निजात मिलेगी। फसल बेचने के लिए किसानों को जान जोखिम में नहीं डालनी होगी। नकदी फसलों को और बढ़ावा मिलेगा। रोहतांग दर्रे के कारण लाहुल के किसान अपने उत्पाद घर-द्वार पर बेचने के लिए मजबूर थे।
दिल्ली में खुशबू बिखेरेंगे लिली के फूल
लाहुल और पांगी घाटी की पांच हजार बीघा जमीन पर पैदा होने वाले लिली के फूल अब दिल्ली में खुशबू बिखेरेंगे। फूलों की खेती करने वाले किसानों के चेहरों पर रौनक आएगी। पहले लाहुल में छह महीने के लिए आवाजाही बंद हो जाती थी, परन्तु अब साल भर आवागमन की सुविधाओं से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा।
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